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इस बार खास बना रहे हैं वसंत पंचमी पर ये विशेष संयोग

मां सरस्वती की आराधना का पर्व वसंत पंचमी 12 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग भी बन रहा है। इससे मां सरस्वती की कृपा के लिए पूजन के साथ ही नए कार्यों की शुरुआत भी की जा सकेगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 06 Feb 2016 11:45 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 10:57 AM (IST)
इस बार खास बना रहे हैं वसंत पंचमी पर ये विशेष संयोग

मां सरस्वती की आराधना का पर्व वसंत पंचमी 12 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग भी बन रहा है। इससे मां सरस्वती की कृपा के लिए पूजन के साथ ही नए कार्यों की शुरुआत भी की जा सकेगी।

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माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को मां सरस्वती की उत्पत्ति का दिन माना गया है। इस तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल 12 फरवरी को पड़ रहे इस पर्व को विशेष संयोग खास बना रहे हैं। इसमें सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग शामिल हैं। इससे पूजा-अर्चना के साथ ही नए कार्यों की शुरुआत करने व विवाह के लिए भी इस तिथि को मंगलकारी माना जा रहा है। इस अवसर पर मंदिरों के साथ ही स्कूल, कॉलेजों, शैक्षणिक व अन्य संस्थानों में सरस्वती पूजा होगी। इसके साथ ही शिक्षा आरंभ व अन्य शुभ कार्यों की भी शुरुआत होगी।

13 तो तिथि का क्षय

पंचमी की तिथि 12 फरवरी की मध्य रात्रि 2.32 बजे तक रहेगी। इस वजह से कुछ पंचांगों में इस तिथि को वसंत पंचमी बताया गया है। पं. ब्रह्मदत्त मिश्रा के अनुसार वसंत पंचमी की तिथि पूर्ण रूप से 12 फरवरी को मिल रही है। 13 फरवरी को तिथि का क्षय होने से पूजन व अन्य धार्मिक अनुष्ठान 12 फरवरी को करना ही श्रेष्ठ रहेगा।

रहेगी भद्रा

महंत डॉ. लक्ष्मण शरण मिश्र ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन सूर्योदय से लेकर सुबह 9.16 तक भद्रा रहेगी। भद्रा में पूजन व शुभ कार्य वर्जित माना गया है। इस वजह से सरस्वती पूजन भद्रा के समाप्त होने के बाद करना श्रेष्ठ रहेगा। सुबह 9.30 बजे से ही पूजन के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा, जो पूरे दिन रहेगा।

विवाह के लिए है उत्तम

पंडितों के अनुसार वसंत पंचमी विवाह के लिए भी श्रेष्ठ मानी जाती है। लिहाजा इस दिन बड़ी तादात में विवाह होंगे। पंडितों के अनुसार वसंत पंचमी में अक्षय मुहूर्त रहता है। यह विवाह के साथ ही सभी शुभ कार्यों की शुरुआत करने के लिए उत्तम होता है।

होली की शुरुआत

वसंत उत्सव की शुरुआत भी 12 फरवरी से होगी। इस दिन विधि-विधान से होलिका बनाने की शुरुआत होगी और होली डांड लगाया जाएगा।

देते हैं बच्चों को अक्षर ज्ञान

विद्या की देवी मां सरस्वती की कृपा बनाए रखने छोटे बच्चों को अक्षर ज्ञान देने की शुरुआत वसंत पंचमी से ही की जाती है। इस बार भी परंपरा को निभाते हुए शुुभ मुहूर्त में छोटे बच्चों के हाथ में कलम थमाकर शिक्षा की शुरुआत की जाएगी।


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