शनिदेव को तुरंत प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनके 10 प्राचीन और पवित्र नामों का जप करना चाहिए। इन 10 नामों का स्मरण करने से सभी शनि दोष दूर हो जाते हैं।
जीवन में ग्रहों का प्रभाव बहुत प्रबल माना जाता है और उस पर भी शनि ग्रह अशांत हो जाएं तो जीवन में कष्टों का आगमन शुरू हो जाता है। इसलिए शनि दोष से पीड़ित जातकों को शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन और व्रत रखना चाहिए ।
शनिवार के दिन क्या करें...
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा धोकर और साफ कपड़े पहनकर पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें।
लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
फिर मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें।
इसके बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से पूजा करें।
पूजन के दौरान शनि के दस नामों का उच्चारण करें- कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर।
पूजन के बाद पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें।
इसके बाद शनिदेव का मंत्र पढ़ते हुए प्रार्थना करें...
शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे। केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥
जीवन में ग्रहों का प्रभाव बहुत प्रबल माना जाता है और उस पर भी शनि ग्रह अशांत हो जाएं तो जीवन में कष्टों का आगमन शुरू हो जाता है। इसके अलावा शनि दोष से पीड़ित जातकों को शनिवार और मंगलवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनके 10 प्राचीन और पवित्र नामों का जप करना चाहिए। इन 10 नामों का स्मरण करने से सभी शनि दोष दूर हो जाते हैं।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:। सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
1. कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद और पिप्पलाद।
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