शारदीय नवरात्र अाज से, जानें कब है घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन 13 अक्टूबर यानी मंगलवार को घोड़ा पर होगा। घोड़ा पर देवी का आगमन राजनीतिक रूप से राज्य में उथल-पुथल मचाएगा। मां दुर्गा लोगों को विकास एवं खुशहाली का आशीर्वाद देकर जाएंगी। आचार्य पण्डित विनोद झा वैदिक ने बताया कि 13 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र
इस वर्ष मां दुर्गा का आगमन 13 अक्टूबर यानी मंगलवार को घोड़ा पर होगा। घोड़ा पर देवी का आगमन राजनीतिक रूप से राज्य में उथल-पुथल मचाएगा। मां दुर्गा लोगों को विकास एवं खुशहाली का आशीर्वाद देकर जाएंगी। आचार्य पण्डित विनोद झा वैदिक ने बताया कि 13 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहा है। इस वर्ष नौ दिनों का नवरात्र होगा। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन यानी मंगलवार को देवी की पूजा के लिए कलश स्थापित किए जाएंगे। इसके बाद से नवरात्र की पूजा प्रारंभ हो जाएगी।
आठ साल बाद मंगलवार को पड़ रही नवरात्रि में चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग का संयोग बन रहा है, जिसे शुभ नहीं माना जा रहा है। सुबह के समय यह संयोग बनने से जोत प्रज्ज्वलन एवं घट स्थापना का मुहूर्त सुबह के समय नहीं है। इस योग में घट स्थापना वर्जित है और शुभ नहीं माना जाता। इसके अलावा मंगलवार को माता का आगमन घोड़े की सवारी पर हो रहा है और नवरात्रि के अंतिम दिन डोली में प्रस्थान हो रहा है। ज्योतिष के अनुसार ऐसा संयोग बनने पर संपूर्ण विश्व में प्राकृतिक आपदा, अशांति, पारिवारिक सदस्यों में सामंजस्य का अभाव, रोग, पीड़ा, युद्ध व सत्ता परिवर्तन होता है।
दो दिन कर सकेंगे जोत प्रज्ज्वलन
अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.36 से 12.24 बजे तक जोत प्रज्ज्वलित किया जाएगा। इस बार नवरात्रि में आठ साल बाद चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग होने से अभिजीत मुहूर्त में स्थापना करना चाहिए। यदि किसी कारणवश उपरोक्त मुहूर्त में स्थापना न की जा सके तो राहुकाल को छोड़कर चर, लाभ, शुभ अथवा स्थिर लग्न में घट स्थापना की जा सकती है।
यदि इस मुहूर्त में कलश स्थापना न कर सकें तो दो दिन पड़ने वाली प्रतिपदा में बुधवार को सुबह 8 बजे तक कलश स्थापना की जा सकती है। 10 दिन की नवरात्रि होने से यदि बुधवार को भी कलश स्थापना करेंगे तो आठ दिन की पूजा का दोष नहीं लगेगा। सुबह 6.40 से 10.25 बजे तक भी घट स्थापना का मुहूर्त है।
चौघड़िया मुहूर्त
चर - सुबह 9.19 से 10.46 तक
लाभ - सुबह 10.46 से 12.13 और रात्रि 7.33 से 9.06 बजे तक
अमृत - दोपहर 12.13 से 1.40 और रात्रि 12.13 से 1.46 बजे तक
शुभ - रात्रि 10.40 से 12.13 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11.49 से 12.35 बजे तक