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श्री शनिदेव की प्रसन करने के लिए उनकी पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें

सूर्यदेव पुत्र भगवान श्री शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें सरसों के तेल से स्नान कराना चाहिए|

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 03 Feb 2017 02:29 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2017 10:43 AM (IST)
श्री शनिदेव की प्रसन करने के लिए उनकी पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें
श्री शनिदेव की प्रसन करने के लिए उनकी पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें

1 भगवान शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें चन्दन लेपना चाहिए-

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भो शनिदेवः चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् |

विलेपन छायात्मजः चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ||

2 भगवान शनिदेव की पूजा में इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए-

ॐ शनिदेव नमस्तेस्तु गृहाण करूणा कर |

अर्घ्यं च फ़लं सन्युक्तं गन्धमाल्याक्षतै युतम् ||

3 इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान श्री शनिदेव को प्रज्वलीत दीप समर्पण करना चाहिए-

साज्यं च वर्तिसन्युक्तं वह्निना योजितं मया |

दीपं गृहाण देवेशं त्रेलोक्य तिमिरा पहम्. भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने |

4 इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान शनिदेव को यज्ञोपवित समर्पण करना चाहिए और उनके मस्तक पर काला चन्दन (काजल अथवा यज्ञ भस्म) लगाना चाहिए-

परमेश्वरः नर्वाभस्तन्तु भिर्युक्तं त्रिगुनं देवता मयम् |

उप वीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः ||

5 इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान श्री शनिदेव को पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए-

नील कमल सुगन्धीनि माल्यादीनि वै प्रभो |

मयाहृतानि पुष्पाणि गृहयन्तां पूजनाय भो ||

6 भगवान शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें वस्त्र समर्पण करना चाहिए-

शनिदेवः शीतवातोष्ण संत्राणं लज्जायां रक्षणं परम् |

देवलंकारणम् वस्त्र भत: शान्ति प्रयच्छ में ||

7 शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें सरसों के तेल से स्नान कराना चाहिए-

भो शनिदेवः सरसों तैल वासित स्निगधता |

हेतु तुभ्यं-प्रतिगृहयन्ताम् ||

8 सूर्यदेव पुत्र भगवान श्री शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए पाद्य जल अर्पण करना चाहिए-

ॐ सर्वतीर्थ समूदभूतं पाद्यं गन्धदिभिर्युतम् |

अनिष्ट हर्त्ता गृहाणेदं भगवन शनि देवताः |

9 भगवान शनिदेव की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पण करना चाहिए-

ॐ विचित्र रत्न खचित दिव्यास्तरण संयुक्तम् |

स्वर्ण सिंहासन चारू गृहीष्व शनिदेव पूजितः ||

10 इस मंत्र के द्वारा भगवान श्री शनिदेव का आवाहन करना चाहिए-

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |

चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||


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