शनि दोषों से पीड़ित भक्त यहां अपने बालों का दान देते हैं
शनि देव की कृपा हो जाए तो रंक राजा और कुदृष्टि हो तो राजा रंक बन जाता है। शनि कलयुग के देवता है। शनिदेव के दरबार में भक्त शनिवार को यदि दर्शन करते हैं तो शनिदेव उन भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। वह उनके सारे कष्टों का निवारण कर
शनि देव की कृपा हो जाए तो रंक राजा और कुदृष्टि हो तो राजा रंक बन जाता है। शनि कलयुग के देवता है। शनिदेव के दरबार में भक्त शनिवार को यदि दर्शन करते हैं तो शनिदेव उन भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। वह उनके सारे कष्टों का निवारण कर उन्हें खुशियां प्रदान करते हैं।
यदि आप शनिदोषों मुक्ति पाकर शनि देव का आशीर्वाद चाहते हैं तो उनके धाम टुमकुरा में जरूर जाएं। टुमकुरा, कर्नाटक का जिला है। यहां स्थित है शनिश्चरा मंदिर। यह देश के उन मंदिरों में से एक है जहां शनि दर्शन से भक्तों के दुख दूर हो जाते हैं। यहां शनिदेव की क्रूर नजर भक्तों को डराती नहीं बल्कि अपनी ओर आकर्षित करती है।
कौवे पर विराजते हैं शनि
शनिश्चरा मंदिर में शनिदेव कौवे पर विराजते हैं। न्याय का देवता का यह रूप बिल्कुल अलग रूप है। मंदिर में शनिदेव की मुख्य प्रतिमा स्थापित हैं जहां भक्त पूजन कर उनसे मनोवांछित वर की कामना करते हैं। इसके अलावा इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं के दर्शन कर भक्त स्वयं को अभिभूत समझते हैं।
इस मंदिर में सभी तरह के शनिदोंष दूर होते हैं। यहां मुख्य मंदिर में स्थित शनि प्रतिमा की दो आंखों सत्य और न्याय का प्रतीक मानी जाती हैं। और उसी प्रकार शनिदेव भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।
शनिदोषों से ऐसे पाएं मुक्ति
मान्यता है जिन जातकों की कुंडली में शनि दोष है। वह जातक यहां आकर 'काले तिल को काले कपड़े में बांधकर काले तिल के तेल में डुबोकर एक काले धागे से बांधकर अग्नि में जला दें' ऐसा करने पर उन्हें शनि दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
वहीं एक और परंपरा के अनुसार शनि दोषों से पीड़ित भक्त यहां अपने बालों का दान देते हैं। शनिदेव के इस दरबार से कोई निराश होकर नहीं लौटता।