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सावन में अपनी राशि के अनुसार इस तरह करें भागवान शिव की पूजा

सावन का महीना हर किसी के लिए फलदायी सिद्ध होता है। भगवान शंकर ने स्वयं अपने श्रीमुख से ब्रह्मा के मानस पुत्र सनत कुमार को सावन मास की महिमा के बारे में इस प्रकार बताया था। बताया कि मेरे तीन नेत्रों में सूर्य दाहिने, चंद्र वाम नेत्र तथा अग्नि मध्य

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 02:35 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2015 12:02 PM (IST)
सावन  में अपनी राशि के अनुसार इस तरह करें भागवान शिव की पूजा

सावन का महीना हर किसी के लिए फलदायी सिद्ध होता है। भगवान शंकर ने स्वयं अपने श्रीमुख से ब्रह्मा के मानस पुत्र सनत कुमार को सावन मास की महिमा के बारे में इस प्रकार बताया था। बताया कि मेरे तीन नेत्रों में सूर्य दाहिने, चंद्र वाम नेत्र तथा अग्नि मध्य नेत्र हैं। चंद्रमा की राशि कर्क और सूर्य की सिंह है। जब सूर्य कर्क से सिंह राशि तक की यात्रा करते हैं, तो ये दोनों संक्रांतियां अत्यंत पुण्य फलदायी होती हैं और यह पुण्यकाल सावन के महीने में ही होता है अर्थात ये दोनों ही संक्रांतियां सावन में ही आती हैं। अतः सावन मास मुझे अधिक प्रिय है।

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पौराणिक मान्यताओं में भगवान शंकर की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन महाशिवरात्रि, उसके बाद सावन के महीने में आनेवाला प्रत्येक सोमवार, फिर हर महीने आनेवाली शिवरात्रि और सोमवार का महत्व है, किंतु भगवान को सावन यानी श्रावण का महीना बेहद प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में खासकर सोमवार के दिन व्रत-उपवास और पूजा पाठ रुद्राभिषेक, कवच, पाठ, जाप इत्यादि से विशेष लाभ होता है।
अपनी राशि के अनुसार इस तरह करें भागवान शिव की पूजा
अपने प्रवचन में नरहरि धाम के संत दीनबंधु दीनानाथ जी महराज ने प्रत्येक राशि वालों को अलग से शिव पूजन की विधि बताई। कहा कि सावन में हर राशि का व्यक्ति शिव पूजन से पहले काले तिल जल में मिलाकर स्नान करे। शिव पूजा में कनेर, मौलसिरी और बेलपत्र जरुर चढ़ाए। इसके अलावा किस राशि के व्यक्ति को किस पूजा सामग्री से शिव पूजा अधिक शुभ फल देती है, इसका उल्लेख भी उन्होंने इस प्रकार किया-
मेष–इस राशि के व्यक्ति जल में गुड़ मिलाकर शिव का अभिषेक करें। शक्कर या गुड़ की मीठी रोटी बनाकर शिव को भोग लगाएं। लाल चंदन व कनेर के फूल चढ़ावें।
वृष-इस राशि के लोगों के लिए दही से शिव का अभिषेक शुभ फल देता है। इसके अलावा चावल, सफेद चंदन, सफेद फूल और अक्षत यानि चावल चढ़ाएं।
मिथुन–इस राशि का व्यक्ति गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करे। अन्य पूजा सामग्री में मूंग, दुर्वा और कुशा भी अर्पित करें।
कर्क–इस राशि के शिवभक्त घी से भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही कच्चा दूध, सफेद आंकड़े का फूल और शंखपुष्पी भी चढ़ाएं।
सिंह–सिंह राशि के व्यक्ति गुड़ के जल से शिव का अभिषेक करें। वह गुड़ और चावल से बनी खीर का भोग शिव को लगाएं। मदार के फूल भी चढ़ाएं।
कन्या–इस राशि के व्यक्ति गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिव को भांग, दुर्वा व पान चढ़ाएं।
तुला–इस राशि के जातक इत्र या सुगंधित तेल से शिव का अभिषेक करें और दही, शहद और श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाएं। सफेद फूल भी पूजा में शिव को अर्पित करें।
वृश्चिक–पंचामृत से शिव का अभिषेक वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शीघ्र फल देने वाला माना जाता है। साथ ही लाल फूल भी शिव को जरुर चढ़ाएं।
धनु–इस राशि के जातक दूध में हल्दी मिलाकर शिव का अभिषेक करें। भगवान को चने के आटे और मिश्री से मिठाई तैयार कर भोग लगाएं। पीले या गेंदे के फूल पूजा में अर्पित करें।
मकर–नारियल के पानी से शिव का अभिषेक मकर राशि के जातकों को विशेष फल देता है। साथ ही उड़द की दाल से तैयार मिष्ठान्न का भगवान को भोग लगाएं। नीले कमल का फूल भी भगवान काे चढ़ाएं।
कुंभ–इस राशि के व्यक्ति को तिल के तेल से अभिषेक करना चाहिए। उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाएं और शमी के फूल पूजा में अर्पित करें। यह शनि पीड़ा को भी कम करता है।


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