शुरू हो गए खर मास, अब एक माह तक नहीं गूंजेगी शहनाई
पौष माह को शुरू हुए आठ दिन हो गए, लेकिन शहनाई की गूंज अब मंगलवार से सुनाई नहीं देगी। धनु राशि में सूर्य के प्रवेश करने के साथ ही अन्य मांगलिक कार्यो पर भी अगले एक महीने तक रोक लगी रहेगी। पखवाड़े भर से साहलग चल रहे थे। हालांकि इस बार
मथुरा। पौष माह को शुरू हुए आठ दिन हो गए, लेकिन शहनाई की गूंज अब मंगलवार से सुनाई नहीं देगी। धनु राशि में सूर्य के प्रवेश करने के साथ ही अन्य मांगलिक कार्यो पर भी अगले एक महीने तक रोक लगी रहेगी।
पखवाड़े भर से साहलग चल रहे थे। हालांकि इस बार साहलग की शुभ तिथियां अपेक्षाकृत कम थीं, लेकिन निर्धारित शुभ तिथियों में जमकर वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हुए। चार और सात दिसंबर का साहलग तो बेहद व्यस्त रहा। बैंडबाजा बारात की वजह से शाम होते ही शहर में जाम के हालात भी रहे।
मंगलवार से सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यह मकर संक्रांति से एक दिन पहले तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार धनु राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही मांगलिक कार्य वर्जित बताए गए हैं, लिहाजा शहनाई तो इस दौरान बजेगी ही नहीं, भवन निर्माण में नींव रखना, गृह प्रवेश अथवा किसी नए कार्य का शुभारंभ भी अगले एक माह तक स्थगित रहेगा। इसी के साथ धार्मिक कार्यक्रमों का दौर ब्रज क्षेत्र में शुरू हो गया है।
पौष मास में दान, पुण्य, यज्ञ, हवन के अलावा श्रीमद् भागवत कथा, रामायण पाठ और विशेष रूप से लक्ष्मी देवी की पूजा अर्चना शुरू होगी। बेल वन में तो प्रत्येक गुरुवार को श्री लक्ष्मी मंदिर में विशेष आयोजन होंगे, जिसमें लाखों लोग दर्शन को पहुंचेंगे। मंगलवार से शुरू हो रहे खर मास में गिरिराज परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में पहुंचना शुरू होगा। इस महीने में गिरिराज परिक्रमा गुरु पूर्णिमा जितनी ही शुभ मानी गई है। इन दिनों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के श्रद्धालु अधिक संख्या में आते रहे हैं।
लक्ष्मी उपासना का माह-ज्योतिषी शालिनी द्विवेदी ने कहा है कि इस महीने गृहस्थ लोगों को शुद्धता व संयम के साथ लक्ष्मी उपासना करनी चाहिए और श्रीसूक्त-लक्ष्मी सूक्त के पाठ अवश्य करने से विशेष फल मिलता है। प्रत्येक गुरुवार को गाय के घी से कमल गट्टे का हवन और भी शुभ रहेगा।