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साधना से सिद्धि तक! जानें गुप्‍त नवरात्रि की सख्‍त पूजन विधि

तंत्र साधन के लिये गुप्‍त नवरात्रि में सिद्धि प्राप्‍त करने के लिये मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस दौरान होने वाली पूजन विधि कोई सामान्‍य व्‍यक्ति नहीं कर सकता है क्‍योंकि यह बहुत सख्‍त होती है।

By prabhapunj.mishraEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 12:03 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 05:06 PM (IST)
साधना से सिद्धि तक! जानें गुप्‍त नवरात्रि की सख्‍त पूजन विधि
साधना से सिद्धि तक! जानें गुप्‍त नवरात्रि की सख्‍त पूजन विधि

तंत्र साधन के लिये होते हैं गुप्‍त नवरात्रि

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हिन्दू धर्म में नवरात्र मां दुर्गा की साधना के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्र के दौरान साधक विभिन्न तंत्र विद्याएं सीखने के लिए मां भगवती की विशेष पूजा करते हैं। तंत्र साधना आदि के लिए गुप्त नवरात्र बेहद विशेष माने जाते हैं। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इस नवरात्रि के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होती है। साधक इस दौरान सख्त नियमों के साथ व्रत रखते हैं। साधक लंबी साधना भी करते हैं।


गुप्‍त नवरात्रि में ऐसे करें पूजन

गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्रों की तरह ही पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र व्रत का उद्यापन करना चाहिए। देवी भागवत के अनुसार जिस तरह वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। 

इन देवियों की होती है पूजा

गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।


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