गणेश स्थापना वाले दिन हर दृष्टि से शुभ फल प्रदान करने वाला है
सभी देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जिस दिन विराजेंगे उस दिन एन्द्र योग और स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है, माना जाता है इसी योग में भगवान गणेश पैदा हुए थे। यह संयोग 17 सितंबर गुरुवार को बन रहा है जो हर दृष्टि से शुभ फल प्रदान करने
सभी देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जिस दिन विराजेंगे उस दिन एन्द्र योग और स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है, माना जाता है इसी योग में भगवान गणेश पैदा हुए थे। यह संयोग 17 सितंबर गुरुवार को बन रहा है जो हर दृष्टि से शुभ फल प्रदान करने वाला है।
गणेश स्थापना के साथ ही सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेगा जिससे ग्रहों के अनुकूल होने की स्थिति बनेगी। इस बार गणेश चतुर्थी पर भद्रा का भी संयोग है, चूंकि भगवान गणेश सभी देवों में सबसे पहले पूजे जाते हैं, इसलिए उनके प्रताप से भद्रा का कोई असर नहीं पड़ेगा और मूर्ति विराजित की जा सकेगी।
सुबह से रात 10 बजे तक भद्रा योग
बूढ़ापारा स्थित गणेश मंदिर के पुजारी पं.वीरेन्द्र कुमार शुक्ला के अनुसार 16 सितंबर बुधवार की रात 8 बजकर 1 मिनट से चतुर्थी लग रही है और 17 सितंबर को सुबह 9.11 बजे से रात 10.20 बजे तक भद्रा का योग है। मान्यता है कि भद्रा में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, लेकिन इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था और पूरे ब्रह्मांड में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है इसलिए गणेश पूजा में भद्रा का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और मूर्ति स्थापना की जा सकती है। यदि फिर भी कोई श्रद्धालु भद्रा में स्थापना न करना चाहे तो वे बुधवार की रात लग रही चतुर्थी तिथि में भी गणेश स्थापना कर सकते हैं।
सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश से बारिश की संभावना
गणेश स्थापना वाले दिन गुरुवार को दोपहर 12.50 बजे सूर्य कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है। इस संयोग से बारिश की संभावना बन रही है। साथ ही सूर्योदय से लेकर आधी रात तक स्वाति नक्षत्र और शाम तक एन्द्र योग का संयोग है। इसके अगले दिन 18 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है जो व्यापारियों के लिए लाभदायी साबित होगा।