जानें दर्श अमावस्या का महत्व
हिंदू कैलेंडर में दर्श अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस दिन चांद पूरी तरह से विलुप्त होता है। खास बात यह कि नो मून डे के बाद का पहला दिन होता है। जानें इसका महत्व....
चांद पूरी रात गायब रहता
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक दर्शा या फिर दर्श अमावस्या पर चांद पूरी रात गायब रहता है। कहते हैं कि सुख समृद्धि व परिवार के उद्धार की कामना के लिए यह दिन बहुत खास होता है। इस दिन पूर्वजों की पूजा करना भी शुभ माना जाता और चन्द्र दर्शन करना जरूरी होता है। चंद्रमा को देखने के बाद उपवास आदि रखने का भी विधान है। कहा जाता है कि जो लोग इस दिन सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं। चंद्र देव उनकी प्रार्थना जरूर सुनते हैं। वह अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी करते हैं।
चंद्र देव की कृपा मिलती
जो लोग दर्श अमावस्या के दिन पूजा करते हैं, उन्हें चंद्र देव की कृपा दृष्टि मिलती है। इसके अलावा उन्हें अपने जीवन में अच्छे भाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में जिन कामों में अटकले लग रही होती हैं वे समाप्त हो जाती हैं। इसके अलावा इस दिन चंद्र दर्शन और उपवास करने वाले लोग आध्यात्मिक संवेदनशीलता प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि भगवान चंद्र देव की पूजा करने से मन को शीतलता और शांति का अहसास होता है।
रास्तों को आसान बनाते
इसके अलावा जिन लोगों के जीवन में संघर्ष अधिक होता है। भगवान चंद्र देव उनके रास्तों को आसान बनाते हैं। वहीं जो लोग अपने जीवन में मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं। ऐसे लोग अगर इस दिन उपवास रखकर चंद्र देव के दर्शन करते हैं तो उनकी इच्छा पूरी होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि चंद्रमा के देवता चंद्र देव हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण नवग्रहों में से हैं। इतना ही नहीं चंद्र देव भावनाओं और दिव्य अनुग्रह के स्वामी है। चंद्र देव को पौधे और पशु जीवन का पोषण भी माना जाता है।