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15 साल बाद हनुमान जयंती के दिन पडऩे वाला चंद्र ग्रहण पर क्या करें?

शनिवार, 4 अप्रैल 2015 को हनुमान जयंती है और शनिवार को ही चंद्र ग्रहण भी रहेगा। ये ग्रहण 3 घंटे 36 मिनट का रहेगा। इस दिन चंद्र कन्या राशि में रहेगा। इस कारण कन्या राशि के लोगों को ग्रहण देखने से बचना चाहिए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 12:31 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 12:42 PM (IST)
15 साल बाद हनुमान जयंती के दिन पडऩे वाला चंद्र ग्रहण पर क्या करें?

नई दिल्ली। शनिवार, 4 अप्रैल 2015 को हनुमान जयंती है और शनिवार को ही चंद्र ग्रहण भी रहेगा। ये ग्रहण 3 घंटे 36 मिनट का रहेगा। इस दिन चंद्र कन्या राशि में रहेगा। इस कारण कन्या राशि के लोगों को ग्रहण देखने से बचना चाहिए।

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हनुमान जयंती पर 4 अप्रैल को खग्रास चंद्रग्रहण पड़ रहा है। ज्योतिष मान रहे हैं कि यह ग्रहण हनुमान जयंती के दिन 15 साल बाद पड़ा है। इससे राजनीतिक लोग, अभिनेता, प्रचारकों को नुकसान पहुंच सकता है। ग्रहण के चलते शहर समेत जिले भर के हनुमान मंदिरों में पट बंद रहेंगे तो कुछ में ब्रह्म मुहूर्त में ही पूजा होगी। इस दिन के लिए मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का इंतजाम किया गया है। इस ग्रहण के सूतक तड़के 3.46 बजे शुरू हो जाएंगे, जो कि पूरे दिन रहेंगे। शाम को 7.15 बजे चंद्रग्रहण समाप्त होगा। सूतक लगने के साथ हनुमान मंदिरों में पट बंद कर दिए जाएंगे। हालांकि कुछ मंदिर में जरूर संकट मोचन के जन्मोत्सव पर खुशियां मनाई जाएंगी।

दोष से बचने को करें पूजा-अर्चना-

हनुमान जयंती के दिन पडऩे वाला खग्रास चंद्रग्रहण दोषप्रद होता है इसके अलावा वर्तमान फसल व आगामी शीतकालीन फसल के लिए चंद्रग्रहण दोषप्रद है। इससे बचने के लिए लोगों को स्नान, दान, जप, स्तुति पाठ, मंत्र जाप, शाबर मंत्र सिद्धि, आराधना, इस्टसिद्धि व हवन आदि करना चाहिए। इस दिन हनुमत आराधना का विशेष महत्व होगा।

इससे पहले 25 अप्रैल 2013 में अल्प खंडग्रास चंद्र ग्रहण, 15 अप्रैल 1995 को ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण और 2 अप्रैल 1996 को खंडग्रास चंद्र ग्रहण हनुमान जयंती पर आए थे। यह चंद्र ग्रहण भारत सहित अन्य देशों में भी दिखाई देगा। इस दिन जातक को विशेष रूप से शनि की ढैया व साढ़े साती से बचने के लिए हनुमान उपासना करनी चाहिए। मंगल दोष निवारण के लिए भी हनुमत उपासना श्रेष्ठ सिद्ध होगी। अल्प खंडग्रास चंद्र ग्रहण कन्या राशि में हस्त नक्षत्र में होगा। ग्रहण 3.45 बजे शुरू तथा 7.15 पर समाप्त होगा। इसलिए पर्वकाल 3 घंटे 33 मिनट तथा सूतक 9 घंटे का होगा। खंडग्रास चंद्र ग्रहण भारत के पूर्वी इलाकों असम, अरुणाचल प्रदेश में खंडग्रास उदय होने के साथ साथ चीन, ऑस्ट्रेलिया, उतरी व दक्षिणी अमरीका के पूर्वी भाग स्थित नगरों में भी दिखाई देगा। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा शनिवार 4 अप्रैल को दोपहर बाद से सायंकाल तक होने वाला खंडग्रास चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में ग्रस्तोदय खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा।

चंद्र ग्रहण के दिन हनुमानजी का विशेष पदार्थों से अभिषेक लाभकारी होगा। इस दिन एक दोने में चार लड्डू गुलाब के फूलों से ढक कर ऊपर मसाले के पान में दो लौंग लगाकर हनुमानजी के चरणों में अर्पित करने सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है।

अजब संयोग-

इस वर्ष में शनिवार के साथ अजब संयोग जुड़ा हुआ है। अप्रैल में जिस तारीख को शनिवार पड़ रहा है, उस तारीख और माह के अंक एक ही है। 4 अप्रैल (शनिवार) को चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र की युति बन रही है। चंद्र ग्रहण का समय चंद्रोदय के समय से ही रहेगा।

ग्रहण का सूतक-

ग्रहण का सूतक 4 अप्रैल को सूर्योदय के साथ ही प्रारंभ हो जाएगा। सूतक प्रारंभ हो जाने बाद (बच्चों वृद्ध व रोगियों को छोड़कर) धार्मिक जनों को भोजन आदि नहीं करना चाहिए। पं.राजेश शर्मा के अनुसार सूतक तड़के 3.46 बजे शुरू हो जाएगा। शाम को 7.15 बजे चंद्रग्रहण समाप्त होगा। इस दौरान जप, तप और यज्ञ करना लाभकारी होता है। वहीं, सभी राशियों पर चंद्रग्रहण का अलग-अलग प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि 15 साल पहले भी हनुमान जयंती के दिन चंद्र को ग्रहण लगा था।

चंद्रग्रहण का राशियों पर प्रभाव-

मेष- व्यापार बढ़ेगा और भाग्य का पक्ष मजबूत साबित होगा।

वृष- आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। पद-प्रतिष्ठा आदि का लाभ।

मिथुन- घरेलू मामले में दिक्कतें। पद-प्रतिष्ठा में कुछ अड़चने आ सकती हैं।

कर्क- आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। परिवार में शुभ कार्यों के योग।

सिंह- सकारात्मक विचारों से आत्मबल मजबूत होगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।

कन्या- धन निवेश में सावधानी बरतें। घरेलू मामलों में तनाव आ सकता है।

तुला- जीवन में नई उमंगें आएंगी। व्यावसायिक क्षेत्र में उन्नति प्राप्त होगी।

वृश्चिक- नकारात्मक विचारों से बचना होगा। विरोधियों से सावधान रहें।

धनु- विवाद की आशंका। व्यवसाय में आज किसी को ऋण न दें।

मकर- प्रयास सार्थक होंगे। रोजी व रोजगार की दिशा में किया गया प्रयास सार्थक सिद्ध होगा।

कुंभ- विरोधी तत्व नुकसान पहुंचा सकते हैं। संस्कारिक सुखों की ओर मन आकर्षित होगा।

मीन- शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। किसी गरीब व्यक्ति की मदद करने का अवसर मिल सकता है।


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