Move to Jagran APP

शिव जी की पूजा से इसी मंदिर में रावण से मिलीं थीं मंदोदरी

श्री बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर की एक खासियत यह भी है कि इसका मुख्य द्वार उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर के जैसा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 02:28 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 05:02 PM (IST)
शिव जी की पूजा से इसी मंदिर में रावण से मिलीं थीं मंदोदरी
शिव जी की पूजा से इसी मंदिर में रावण से मिलीं थीं मंदोदरी

मेरठ सदर स्थित श्री बिल्वेश्वरनाथ शिव मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का विशेष केंद्र है। कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से जो भी पूजा करता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। शिवरात्रि पर लाखों कांवड़िये मंदिर के शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। सोमवार के दिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। मनोकामना पूरी होने पर वे शिव-पार्वती को पोशाक चढ़ाने के साथ-साथ भंडारे का आयोजन करते हैं। सावन के दिनों में यहां जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटती है।

loksabha election banner

मंदोदरी इस मंदिर में शिव जी की करती थीं पूजा- मंदिर के पुजारी बताते हैं कि त्रेता युग में रावण की पत्नी मंदोदरी अपनी सखियों के साथ यहां आया करती थीं। वह भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना किया करती थीं। उनकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने इसी मंदिर में उन्हें दर्शन देकर वरदान मांगने के लिए कहा था। भोलेनाथ की कृपा से यहीं पर रावण से उनका मिलन हुआ।

पुजारी बताते हैं कि मंदिर में जो शिवलिंग है, वह सिद्ध पीठ है। यहां पूजा, जलाभिषेक और रूद्राभिषेक करने से फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यहां सिंदूरी श्री गणेश, माता पार्वती और सिद्धपीठ श्री भैरव जी भी विराजमान हैं।

बताया जाता है कि आज जहां भैसाली मैदान है, वहां राजा मय के समय में सती सरोवर था। मंदोदरी इसमें स्नान करने के बाद नित्य सरोवर के पश्चिम तट पर स्थित बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर में पूर्जा-अर्चना के लिए जाती थीं।

मंदिर की खासियत यही है कि इसके द्वार बेहद छोटे हैं। उसमें अंदर प्रवेश करने के लिए झुककर जाना पड़ता है। इसके अंदर पीतल के बड़े-बडे घंटे टंगे हुए हैं। इनकी ध्वनि दूर तक सुनाई देती है।

श्री बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर की एक खासियत यह भी है कि इसका मुख्य द्वार उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर के जैसा है। वहां के पुजारी बताते हैं कि भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इसके अंदर की बनावट आम मंदिरों से बिलकुल अलग है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.