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क्‍यों इस गांव के लोग कंस की पूजा करते है

मथुरा का राजा कंस एक बुरा शासक था, प्रजा पर अत्याचार करना और विरोधियों का दमन करना यही उसकी फितरत थी। वह पूरी तरह आत्मकेन्द्रित था जिसके चलते उसने अपने पिता, सगी बहन और बहनोई को भी बंधी बनाकर रखा। सत्ता हासिल करने के लिए उसने अपने पिता को बंधी

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2015 03:05 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 12:27 PM (IST)
क्‍यों इस गांव के लोग कंस की पूजा करते है

मथुरा का राजा कंस एक बुरा शासक था, प्रजा पर अत्याचार करना और विरोधियों का दमन करना यही उसकी फितरत थी। वह पूरी तरह आत्मकेन्द्रित था जिसके चलते उसने अपने पिता, सगी बहन और बहनोई को भी बंधी बनाकर रखा। सत्ता हासिल करने के लिए उसने अपने पिता को बंधी बनाया था। देवकी और वसुदेव के विवाह के समय हुई भविष्यवाणी के अनुसार देवकी की आठवीं संतान उसकी मृत्यु का कारण बनने वाली थी इसलिए उसने अपनी बहन जिसे वो बहुत प्रेम करता था, उसे और उसके पति को अपनी कैद में रखा। लेकिन होना तो वहीं था जो नियती ने पहले ही निर्धारित किया हुआ था। देवकी और वसुदेव की आठवीं संतान के रूप में भगवान विष्णु ने अवतार लिया और कृष्ण के इस मोहक अवतार में उन्होंने दुराचारी कंस का अंत किया।

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कंस के साथ अत्याचारी, दुराचारी, शोषक जैसे विशेषण जुड़े हुए हैं लेकिन क्या आप जानते हैं इन सब के बावजूद कंस की पूजा की जाती है। अब आप सोच रहे होंगे इतिहास जिसे क्रूर मानता है, लोग इसकी अराधना कैसे कर सकते हैं?आपको बता दें कि लखनऊ से हरदोई की ओर जाते हुए एक गांव में आपको एक बड़ी मूर्ति नजर आएगी। पहली बार में तो आप यह अंदाजा भी नहीं लगा पाएंगे कि इतनी विशालकाय मूर्ति दुराचारी कंस की भी हो सकती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पीढ़ियों से उनके पूर्वज कंस की इस मूर्ति की पूजा करते आए हैं और यह परंपरा आज भी निभाई जा रही है। सामान्यतौर पर हम सभी कंस को भी रावण की ही तरह एक दुष्ट शासक के तौर पर जानते हैं, ऐसी मान्यता के विरोध में जाते हुए जब इस तथ्य के विषय में पता चलता है कि लोग इनकी पूजा भी करते हैं तो अव्वल तो इस बात पर विश्वास ही नहीं होता। हालांकि जिस गांव की हम यहां बात कर रहे हैं उस गांव के लोग खुद ये बात नहीं जानते कि कंस की पूजा करने के लिए क्या कारण है या यह परंपरा किन हालातों में और कब शुरू हुई।


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