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जब भी बारिश की आवश्यकता हो यहां भगवान इंद्रु नाग की पूजा इंद्रदेव के रूप में की जाती है

यहां हिंदू-मुस्लिम एक साथ पूजा करते हैं, खनियारा स्थित भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 04:19 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 04:32 PM (IST)
जब भी बारिश की आवश्यकता हो यहां भगवान इंद्रु नाग की पूजा इंद्रदेव के रूप में की जाती है
जब भी बारिश की आवश्यकता हो यहां भगवान इंद्रु नाग की पूजा इंद्रदेव के रूप में की जाती है

 धर्मशाला में बारिश के देवता भगवान श्री इंद्रु नाग विराजमान हैं। यहां भगवान इंद्रु नाग की पूजा इंद्रदेव के रूप में की जाती है और जब भी बारिश की आवश्यकता हो या फिर मौसम साफ चाहिए हो तो ग्रामीण भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर में गुर खेल (खेलपात्र) के दौरान भगवान के गुर के माध्यम से सुझाए मार्ग अनुसार पूजा कर उनके आशीर्वाद से बारिश व बारिश से राहत हासिल करते हैं। यहां हिंदू-मुस्लिम एक साथ पूजा करते हैं, वहीं अब हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) भी आस्था के आगे पूरी तरह से झुक चुकी है। जब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में किसी मैच का आयोजन करवाना होता है तो सबसे पहले भगवान श्री इंद्रु नाग की विशेष पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करती है। भगवान श्री इंद्रु नाग का मंदिर धर्मशाला शहर से नौ किलोमीटर दूर खनियारा गांव में है।

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भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर का इतिहास
खनियारा स्थित भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। हालांकि इसके बारे में ग्रामीणों सहित मंदिर के पुजारी भी इतना ही जानते हैं कि यहां एक वान के पेड़ के नीचे भगवान के पदचिह्न मिले थे और उसके बाद यहां चंबा का एक राजा पहुंचा था। इसकी कोई संतान नहीं थी। भगवान श्री इंद्रु नाग ने उसे स्वप्न में दर्शन देकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था। इसके अगले ही दिन स्वप्न में दिखे स्थान पर पहुंच राजा ने भगवान श्री इंद्रु नाग की पूजा अर्चना की और उसके अगले वर्ष वह अपने बेटे सहित पहुंचा और पूजा अर्चना करने के बाद भगवान का मंदिर बनवाने के साथ इस क्षेत्र की जमीन को मंदिर के नाम कर दिया। इसके बाद से मंदिर में विशेष पूजा का दौर शुरू हुआ और यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर आया उसकी हर मनोकामना भगवान ने पूरी की।

यहां मिलती है बारिश 
जब भी बारिश की जरूरत हो, तो भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर में गुर खेल का आयोजन किया जाता है और उसके बाद भगवान श्री इंद्रु नाग के सुझाए मार्ग पर विशेष पूजा की जाती है और उसके बाद भगवान बारिश देते हैं। यही नहीं जब भी मौसम चाहिए हो तब भी भगवान श्री इंद्रु नाग की ही शरण में ग्रामीण जाते हैं। 
-सुरेश शर्मा, गुर श्री इंद्रु नाग मंदिर।

एचपीसीए भी मान चुका है श्री इंद्रु नाग की आस्था 
हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) भी भगवान श्री इंद्रु नाग की आस्था मान चुकी है और जब यहां क्रिकेट स्टेडियम बनने के बाद शुरुआती मैच धुले थे तो उसके बाद एचपीसीए ने भी यहां पूजा-अर्चना शुरू की थी और उसके बाद ही यहां पर मैचों का सफल आयोजन हो पाया है। 
-विपन, पुजारी श्री इंद्रु नाग मंदिर।

ऐसे पहुंचे श्री इंद्रु नाग मंदिर खनियारा 
धर्मशाला से भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर खनियारा करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है। धर्मशाला बस स्टैंड से बस या मुद्रिका जीपों के माध्यम से सीधे खनियारा पहुंचा जा सकता है। वहीं धर्मशाला से वाया सिद्धपुर भी खनियारा पहुंचा जा सकता है। दोनों ही तरफ से बसों की पूरी सुविधा है।


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