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भारत में 5 धार्मिक स्‍थल, जहां आपको भगवत् दर्शन के साथ मिलती है आध्‍यात्मिक शांति

आप को घूमने का शौक हैं और आध्‍यात्मिक शांति की तलाश कर रहे हैं तो जनाब हम आप को भारत के उन पांच धर्मिक स्‍थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप को प्रभु के साथ सुकून के क्षण भी प्राप्‍त होंगे।

By prabhapunj.mishraEdited By: Published: Fri, 09 Jun 2017 05:32 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jun 2017 05:32 PM (IST)
भारत में 5 धार्मिक स्‍थल, जहां आपको भगवत् दर्शन के साथ मिलती है आध्‍यात्मिक शांति
भारत में 5 धार्मिक स्‍थल, जहां आपको भगवत् दर्शन के साथ मिलती है आध्‍यात्मिक शांति

वैष्णो देवी, जम्मू और कश्मीर

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वैष्णो देवी की गुफा और अंदर का मनोहारी दृश्य सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। वैष्णो देवी मंदिर जम्मू से लगभग 42 किलोमीटर दूर कटरा नामक स्थान पर स्थित है। वैष्णो देवी मंदिर हज़ारों लाखों की आस्थाओं की धरोहर जम्मू कश्मीर में है। जहाँ साल-भर भारी संख्या में श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर में अनेकों कहानियां है कहा जाता है कि देवी वैष्‍णों इस गुफा में छिपी और एक राक्षस का वध कर दिया था। इस मंदिर का मुख्‍य आकर्षण गुफा में रखे तीन पिंड है। मंदिर के पिंड एक गुफा में स्‍थापित है, गुफा की लंबाई 30 मी. और ऊंचाई 1.5 मी. है। 

स्वर्ण मंदिर, अमृतसर

शुद्ध सोने से बना सिखों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर अमृतसर नगर के बीचोबीच है। इसे दरबार साहिब भी कहा जाता है। यह देश का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां पूरे साल बड़ी संख्या में श्रद्धालू आते हैं। अमृतसर में स्थित इस मंदिर को सबसे पहले 16वीं शताब्दी में 5वें सिक्ख गुरू अर्जुन देव जी ने बनवाया था। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में महाराजा रणजीत सिंह ने इस गुरुद्वारे की ऊपरी छत को 400 किग्रा सोने के वर्क से ढंक दिया। जिससे इसका नाम स्वर्ण मंदिर पड़ा। 

अजमेर शरीफ, अजमेर

जयपुर से करीब 132 किलोमीटर दूर अजमेर सूफी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है। हजरत ख्वाजा मोईनुद्‍दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह एक ऐसा पाक शफ्फाक नाम है जिसे मात्र सुनने से ही रूह को सुकून मिलता है। अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोईनुद्‍दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह की मजार की जियारत कर दरूर-ओ-फातेहा पढ़ने की चाहत हर ख्वाजा के चाहने वालों की होती है। वो एक बार इस दरबार में अपनी हाज़िरी लगाने अवश्य आना चाहते हैं। यहाँ आने वाले जायरीन चाहे वे किसी भी मजहब के क्यों न हों ख्वाजा के दर पर दस्तक देने के बाद उनके जहन में सिर्फ अकीदा और लबों पर शांति अमन का पैगाम ही बाकी रहता है। 

तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्रप्रदेश

यहाँ भगवान वेंकटेश्वर की भव्य मूर्ति सुशोभित है। यह मंदिर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है। वेंकटेश्वर मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण आलीशान मंदिरों में से एक हैं। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर के प्रति अटूट रहती है। इस मंदिर की खूबसूरती और वातावरण तारीफ़ करने लायक है।वेंकटेश्वर मंदिर के शिखर पर स्वर्ण पत्थर यानी सोने का पत्थर चढ़ा हुआ है। यह मंदिर धार्मिक मान्यता में तो लोकप्रिय है ही साथ ही साथ इसके शिखर पर सोने का पत्थर देखने के लिए भी पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रहती है। 

महाबोधि मंदिर बोधगया, बिहार

महाबोधि मंदिर में बुद्ध की एक बहुत बड़ी मूर्त्ति स्‍थापित है। माना जाता है कि महाबोधि मंदिर का निर्माण 5 वीं शताब्दी के पूर्व हुआ था। महाबोधि मन्दिर एक पवित्र बौद्ध धार्मिक स्थल है क्योंकि यह वही स्थान है जहाँ पर गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। पश्चिमी हिस्से में पवित्र बोधि वृक्ष स्थित है। संरचना में द्रविड़ वास्तुकला शैली की झलक दिखती है। निःसन्देह रूप से यह सबसे पहले बौद्ध मन्दिरों में से है जो पूरी तरह से ईंटों से बना है और वास्तविक रूप में अभी भी खड़ा है। इसी शैली में बनी चार छोटी लाटें केन्द्रीय लाट के चारों ओर स्थित हैं।


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