देश में मौजूद इन मंदिरों में मां लक्ष्मी के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर सकते हैं
कहते हैं यहां मौजूद देवी लक्ष्मी की मूर्ति 7,000 साल पुरानी है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां सूर्य भगवान अपनी किरणों से स्वयं देवी लक्ष्मी का पद-अभिषेक करते हैं।
समुद्र मंथन से उत्पन्न हुईं देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं। दिवाली पर धन की देवी की पूजा करने का विधान सदियों से निरंतर जारी है।
यदि आप उनके दर्शनों की अभिलाषा रखते हैं। तो देश में मौजूद इन मंदिरों में मां लक्ष्मी के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर सकते हैं।
महालक्ष्मी मंदिर, इंदौर : मप्र के इंदौर शहर में मौजूद इस मंदिर का सन् 1832 ईस्वी में मल्हारराव होल्कर (द्वितीय) ने करवाया था। प्रतिदिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी का दर्शन करते हैं।
लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली : यह मंदिर बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौजूद है। इसका निर्माण 1938 में हुआ और इसका उद्घाटन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने किया था।
श्रीपुरम का स्वर्ण मंदिर: दक्षिण भारत के स्वर्ण मंदिर के रुप में मशहूर श्रीपुरम का स्वर्ण मंदिर 100 एकड़ में फैला है। इसे तमिलनाडु के वेल्लू जिले के श्रीपुरम गांव में स्थित महालक्ष्मी मंदिर के रूप में जाना जाता है।
पद्मावती मंदिर, तिरुचुरा: आंध्र प्रदेश में तिरुपति के पास तिरुचुरा नामक एक गांव है। इसी गांव में देवी पद्मावती का सुंदर मंदिर स्थित है। मान्यता है कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में मांगी गई मन्नतें तभी पूरी होती हैं।
महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित यह मंदिर 7वीं शताब्दी में चालुक्य वंश के शासक कर्णदेव ने बनवाया था। कहते हैं यहां मौजूद देवी लक्ष्मी की मूर्ति 7,000 साल पुरानी है।
इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां सूर्य भगवान अपनी किरणों से स्वयं देवी लक्ष्मी का पद-अभिषेक करते हैं।
महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई: मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर इस शहर के सर्वाधिक प्राचीन मंदिरों में से एक है। अरब सागर के किनारे बी. देसाई मार्ग पर स्थित यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।