इसीलिए यहां भूतों ने बनाए थे एक रात में 99 शिव मंदिर
श्रावण माह के पहले दिन मप्र में भिंड जिले के 'वनखंडेश्वर मंदिर' से इस धर्मयात्रा की अखंड ज्योति जलाते हैं।
इंदौर। श्रावण माह के पहले दिन मप्र में भिंड जिले के 'वनखंडेश्वर मंदिर' से इस धर्मयात्रा की अखंड ज्योति जलाते हैं।
यहां है मंदिर: यहां स्थापना के बाद से ही जल रही है अखंड ज्योति प्रज्वलित है। भिंड शहर के गौरी सरोवर के पास है यह मंदिर। आसपास कई और मंदिरों के अवशेष दिखाई देते हैं।
किंवदंती: वनखंडेश्वर के आसपास भूतों ने एक ही रात में 99 मंदिर बना दिए थे लेकिन सुबह होन जाने के कारण सौवां मंदिर नहीं बन सका। माना जाता है कि सौ मंदिर बन जाते तो यह बड़ी धार्मिक नगरी बन जाती।
इतिहास: स्थापना राजा पृथ्वीराज चौहान ने करवाई थी। कहा जाता है कि वे दिल्ली जा रहे थे तब यहां पड़ाव डाला था। यहां स्वप्न में उन्हें शिवलिंग दिखाई दिया। उन्होंने खुदाई करवाई और जो शिवलिंग प्रकट हुआ, उसकी स्थापना करवाई।
12 ज्योतिर्लिंग, जो हरते हैं पाप
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोड़्कारममलेश्वरम्।
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिंन्यां भीमशंकरम्।
सेतुबंधे तु रमेशं नागेशं दारुकावने।
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये।
एतानि ज्योतिर्लिंड़्गानि सायं प्रातछ पठेन्नर:।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति।