मुंगेर का सीताचरण मंदिर, यहां सीता ने सूर्य अराधना की थी
प्रचलित लोक कथाओं के अनुसार यहां मां सीता ने रावण-वध के बाद अपने पति भगवान श्री राम को ब्रह्म-हत्या के दोष से मुक्त कराने के लिए भगवान सूर्य की अराधना की थी। किंवदंती है कि उसी समय से छठ व्रत प्रारंभ हुआ था। गंगा के बीचोंबीच सीताचरण मंदिर अवस्थित है। जहां एक पत्थर पर खड़े होकर सीता ने सूर्य की उपासना की थी। उस शिलापट्ट पर मां
प्रचलित लोक कथाओं के अनुसार यहां मां सीता ने रावण-वध के बाद अपने पति भगवान श्री राम को ब्रह्म-हत्या के दोष से मुक्त कराने के लिए भगवान सूर्य की अराधना की थी।
किंवदंती है कि उसी समय से छठ व्रत प्रारंभ हुआ था। गंगा के बीचोंबीच सीताचरण मंदिर अवस्थित है। जहां एक पत्थर पर खड़े होकर सीता ने सूर्य की उपासना की थी। उस शिलापट्ट पर मां सीता के पद-चिह्न आज भी मौजूद हैं। सीताचरण मंदिर के महंथ राम बाबा के अनुसार कई वर्ष पूर्व यहां जांच करने विशेषज्ञों की एक टीम भी आई थी। अयोध्या में मौजूद सीता के पद-चिह्न और सीता चरण में मौजूद पद-चिह्न समान पाए गए।
खास बात यह है कि प्रत्येक वर्ष जब गंगा उफान पर होती है, तो सीताचरण मंदिर डूब जाता है। तीन माह तक पानी में डूबे रहने के बाद भी पद-चिह्न वाले शिलापट्ट पर कोई असर नहीं पड़ता है।सीताचरण मंदिर (मुंगेर)