यहां शनि महाराज से गले मिलने पर सारी तकलीफें हो जाती हैंं दूर
यहां शनि देव को तेल चढ़ाने के बाद उनसे गले मिलने की प्रथा भी है। जो भी यहां आता है वह बड़े प्यार से शनि महाराज से गले मिलता है और अपनी तकलीफें उनसे बांटता है।
ग्वालियर। शनि देव की कई प्रसिद्ध मंदिर हमारे देश में हैं, उन्हीं में से एक है मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित शनिश्चरा मंदिर। यह शनि मंदिर भारत के पुराने शनि मंदिरों में से एक है। लोक मान्यता है कि यह शनि पिंड भगवान हनुमान ने लंका से फेंका था जो यहां आकर गिरा। यहां शनि देव को तेल चढ़ाने के बाद उनसे गले मिलने की प्रथा भी है। जो भी यहां आता है वह बड़े प्यार से शनि महाराज से गले मिलता है और अपनी तकलीफें उनसे बांटता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से शनि उस व्यक्ति की सारी तकलीफें दूर कर देते हैं।
कैसे पहुंचें-शनिश्चरा मंदिर ग्वालियर-भिंड रेलेवे लाइन पर पड़ता है। ग्वालियर दिल्ली-मुंबई रेल खण्ड का प्रसिद्ध स्टेशन है। ग्वालियर से बसों व टैक्सियों से भी शनिश्चरा पहुंचा जा सकता है। देश के कई शहरों से ग्वालियर के लिए सीधी हवाई सेवा है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया हवाई अड्डे से शनिश्चरा मंदिर सिर्फ 15 किलोमीटर दूर है। शनि जयंती, शनिश्चरी अमावस्या आदि प्रमुख पर्वों पर यहां काफी भीड़ होती है। उस दिन स्पेशल ट्रेन और बसें मंदिर तक के लिए चलाई जाती है।