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मान्‍यता है कि यहां शनि स्तोत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करने से मांगी मुराद बड़ी जल्दी पूरी होती है

मान्यता है कि यहां खुद श्रीकृष्ण ने शनिदेव को दर्शन दिए थे और कहा था कि जो इस वन की परिक्रमा करेगा उसे शनि कभी कष्ट नहीं पहुचाएंगें।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 03:02 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 03:24 PM (IST)
मान्‍यता है कि यहां शनि स्तोत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करने से मांगी मुराद बड़ी जल्दी पूरी होती है

भारत में स्थित सिद्ध शनि मंदिरों में भक्तगण बड़ी श्रद्धा और आदर के साथ शनि पीड़ा को कम करने के लिए अपना सिर झुकाते है। ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश में ब्रजमंडल के कोसीकलां गांव के पास स्थित है। यह सिद्धपीठ कोसी से 6 किलोमीटर दूर है और नंद गांव से सटा हुआ है। यह शनि मंदिर भी दुनिया के प्राचीन शनि मंदिरों में से एक है। यहां मांगी मुराद बड़ी जल्दी पूरी होती है।

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लोक मान्यता है कि यहां खुद भगवान श्रीकृष्ण ने शनिदेव को दर्शन दिए थे और कहा था कि जो भी पूरी श्रद्धाभक्ति के साथ इस वन की परिक्रमा करेगा उसे शनि कभी कष्ट नहीं पहुचाएंगें। यहां हर शनिवार को भारी भीड़ होती है। कहते हैं कि यहां राजा दशरथ द्वारा लिखा शनि स्तोत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करनी चाहिए। इससे शनि की कृपा प्राप्त होती है।

कैसे पहुचें- कोसीकलां जाने के लिए मथुरा सबसे आसान रास्ता है। मथुरा-दिल्ली नेशनल हाइवे पर मथुरा से 21 किलोमीटर दूर कोसीकलां गांव पड़ता है। कोसीकलां से एक सड़क नंदगांव तक जाती है। बस यहीं से कोकिला वन शुरू हो जाता है।


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