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रोज यहां देश-विदेश से 60 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं

आंध्रप्रदेश के चित्तौर जिले में आने वाले शहर तिरूपति में ही तिरूमाला नामक स्थान पर बसे हैं भगवान श्रीवेंकटेश्वर। रोजाना यहां देश-विदेश से 60 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2015 04:18 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2015 04:23 PM (IST)
रोज यहां देश-विदेश से 60 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं

इंदौर। आंध्रप्रदेश के चित्तौर जिले में आने वाले शहर तिरूपति में ही तिरूमाला नामक स्थान पर बसे हैं भगवान श्रीवेंकटेश्वर। रोजाना यहां देश-विदेश से 60 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

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इसके बावजूद व्यवस्थाएं इतनी मुकम्मल हैं कि किसी तरह की परेशानी श्रद्धालुओं को नहीं होती। इंदौर शहर से तकरीबन 1450 किमी की दूरी है तिरूपति शहर की।

तिरूमाला के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन तिरूपति ही है। यहां से तिरूमाला की दूरी 26 किमी है। उत्तरपूर्व में 86 किमी की दूरी पर दूसरा नजदीकी रेलवे स्टेशन चित्तौर है। दक्षिण में 405 किमी की दूरी पर विजयवाडा ओर उत्तरपश्चिम में 160 किमी की दूरी पर चैन्नई बसा हुआ है। सात पर्वत की श्रंखलाओं में सातवें पर्वत पर विराजते हैं भगवान श्रीवेंकटेश्वर।

साधारण बुकिंग भी

तिरूमाला में भगवान के दर्शन के लिए साधारण के साथ ही वीआईपी दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध है। सर्वदर्शन के तहत बिना किसी शुल्क के दर्शन की व्यवस्था है। कम भीड़ होने पर 6 से 8 घंटे व अधिक भीड़ होने पर 10 से 12 या इससे भी ज्यादा समय दर्शन में लग सकता है।

हालांकि दर्शन के लिए जिन हॉलों में रोका जाता है वहां खाने, पीने के साथ ही बैठने के पर्याप्त इंतजाम हैं। त्योहारों व शनिवार, रविवार को मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। स्पेशल एंट्री दर्शन में 300 रूपए का शुल्क लिया जाता है। हालांकि इसमें भी 2 से 4 घंटे का समय लगना तो सामान्य बात है। शरिरिक रूप से कमजोर भक्तों के लिए भी दर्शन की अलग व्यवस्था ट्रस्ट द्वारा की गई है।

बसों की किल्लत

तिरूपति शहर से अन्य शहरों में जाने के लिए बसें तो हर पांच से दस मिनट में उपलब्ध हो जाती हैं लेकिन यात्रियों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि बस के स्टॉप पर रूकने से पहले ही खिड़कियों के जरिए अपना सामान फेंककर सीटें भर ली जाती हैं।

हिंदीभाषी क्षेत्र के लोगों को भाषा के स्तर पर भी समस्याओं का सामना करना होता है। खानेपीने में नाश्ते में इडली-सांभर व डोसा ही अधिकांश स्थानों पर मिलता है। भोजन में चावल, रसम के साथ ही अन्य दक्षिण भारतीय व्यंजन थालियों में परोसे जाते हैं।

ऐसे पहुंचे तिरूपति

इंदौर शहर से रेल मार्ग के साथ ही बाय एयर भी तिरूपति पहुंचा जा सकता है। बाय एयर जाने के लिए इंदौर से चैन्नई जाना होगा। चैन्नई से बस व अन्य चारपहिया वाहन तिरूपति के लिए उपलब्ध होते हैं।

इसी तरह रेल मार्ग से गुंटूर उतरकर वहां से तिरूपति पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा चैन्नई से भी तिरूपति पहुंचने के ढेरों विकल्प मौजूद हैं। भोपाल से सीधे तिरूपति पहुंचने के लिए भी ट्रेनें उपलब्ध हैं।

इंदौर से सीधे तिरूपति तक पहुंचने वाली कोई ट्रेन या फलाईट उपलब्ध नहीं है। वीआईपी दर्शन के लिए पहले से बुकिंग करवाना होती है।


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