41 साल पहले की थी जगदंबा मंदिर की स्थापना
एनआइटी फरीदाबाद प्याली चौक स्थित मां जगदंबा मंदिर कुमाऊं सांस्कृतिक मंडल द्वारा संचालित है। मंदिर का इतिहास लगभग 41साल पुराना है। कुमाऊं मंडल की ओर से मंदिर में नवरात्र महोत्सव तथा विजयदशमी से पूर्व रामलीला मंचन का आयोजन धूमधाम से किया जाता है। नवरात्र के दिनों में तो यहां मेला लगता है। मंदिर में कुमाऊं, उत्तराख्
फरीदाबाद। एनआइटी फरीदाबाद प्याली चौक स्थित मां जगदंबा मंदिर कुमाऊं सांस्कृतिक मंडल द्वारा संचालित है। मंदिर का इतिहास लगभग 41साल पुराना है। कुमाऊं मंडल की ओर से मंदिर में नवरात्र महोत्सव तथा विजयदशमी से पूर्व रामलीला मंचन का आयोजन धूमधाम से किया जाता है। नवरात्र के दिनों में तो यहां मेला लगता है। मंदिर में कुमाऊं, उत्तराखंड के मूल निवासियों के अलावा स्थानीय श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में आकर पूजा अर्चना करते हैं।
मंदिर का इतिहास-
श्री जगदंबा मंदिर का इतिहास करीब 41साल पुराना है। कुमाऊं के विभिन्न क्षेत्रों के मूल निवासी जब फरीदाबाद में आए थे तो सबने एकत्र होकर पारंपरिक रीति-रिवाजों को कायम रखने के मकसद से कुमाऊं सांस्कृतिक मंडल का गठन किया। मंडल के संस्थापक सदस्यों में पूर्ण सिंह डंगवाल, जवाहर सिंह बिष्ट, प्रकाश पाठक, थान सिंह बाकुनी, देवी दत्त पाठक तथा जीत सिंह बिष्ट ने कुमाऊं सांस्कृतिक मंडल को मजबूती प्रदान की। शुरूआती दौर में मंडल की टीम घर-घर जाकर भजन-कीर्तन करने लगी। बाद में मंडल ने प्याली चौक पर मां जगदंबा के मंदिर की स्थापना की। मां की मूर्ति स्थापित करने के बाद मंदिर में शिव परिवार भी स्थापित किया गया। संरक्षक चंद्रमोहन गुरुरानी के मार्गदर्शन में आजकल मंदिर में नवरात्र महोत्सव चल रहा है।
विधिवत करते हैं पूजा अर्चना -
मंदिर में विधिवत पूजा-पाठ किया जाता है। नवरात्र के दिनों में सुबह पांच बजे से साढ़े सात तथा शाम पांच बजे से साढ़े सात बजे तक आरती की जाती है। मां जगदंबा की पूजा अर्चना से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
-राजेंद्र प्रसाद भट्ट, अध्यक्ष, कुमाऊं सांस्कृतिक मंडल।
आप भी कर सकते हैं मां जगदंबा के दर्शन-
जगदंबा मंदिर एनआइटी प्याली चौक के पास स्थित है। न्यू टाउन रेलवे स्टेशन से हार्डवेयर चौक होते हुए इस मंदिर में पहुंचाया जा सकता है। एनआइटी बस अड्डे से हार्डवेयर चौक से होते हुए भी प्याली चौक आकर मंदिर में मां जगदंबा के दर्शन किए जा सकते हैं।