इस तरह उसे ये वर मिला कि जो उसे देखेगा या उसका स्पर्श करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी
गयासुर के इस समर्पण से विष्णु भगवान अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने यह वर दिया कि यह स्थान, जहां तुम्हारे शरीर पर यज्ञ हुआ है, गया के नाम से जाना जाएगा।
गयासुर बहुत अधिक तपस्या करता था। इसके कारण उसे वरदान मिला कि जो भी उसे देखेगा या उसका स्पर्श करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। इस वरदान के कारण यमलोक सूना होने लगा।
इससे परेशान होकर यमराज ने ब्रह्मा, विष्णु और शिव से कहा कि गयासुर के कारण अब पापी व्यक्ति भी बैकुंठ जाने लगे हैं। यमलोक खाली होने लगा है। इसलिए कोई उपाय कीजिए। ब्रह्मा जी गयासुर के पास पहुंचे और उससे कहा कि तुम परम पवित्र हो, इसलिए देवता तुम्हारी पीठ पर यज्ञ करना चाहते हैं। गयासुर इसके लिए तैयार हो गया। गयासुर की पीठ पर विष्णु सहित सभी देवता स्थित हो गए। गयासुर के इस समर्पण से विष्णु भगवान अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्होंने उसे यह वरदान दिया कि अब से यह स्थान, जहां तुम्हारे शरीर पर यज्ञ हुआ है, गया के नाम से जाना जाएगा।
यहां पर पिंडदान और श्राद्ध करने वाले को पुण्य और पिंडदान प्राप्त करने वाले को मुक्ति मिल जाएगी।