एक मंदिर ऐसा भी जिसके कपाट केवल नवरात्रों में ही खुलते
क्षेत्र में एक मंदिर ऐसा भी है जिसके कपाट दर्शनों के लिए केवल नवरात्रों में ही खुलते हैं वो भी सप्तमी तिथि पर। ऐसे में बुधवार को नवरात्रों की सप्तमी तिथि के दिन मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। मंदिर में इस दिन पर केवल काले चने का भोग लगाया जाता है और उसका ही प्रसाद बांटा जाता
पलवल। क्षेत्र में एक मंदिर ऐसा भी है जिसके कपाट दर्शनों के लिए केवल नवरात्रों में ही खुलते हैं वो भी सप्तमी तिथि पर। ऐसे में बुधवार को नवरात्रों की सप्तमी तिथि के दिन मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
मंदिर में इस दिन पर केवल काले चने का भोग लगाया जाता है और उसका ही प्रसाद बांटा जाता है। जिसको लेने के लिए देर रात तक भी श्रद्धालु मंदिर में लाइन में लगे रहे।
रात्रि 11 बजे तक लगी रही भीड़
सप्तमी में रात्रि 11 बजे तक मंदिर में दर्शन करने वालों की भीड़ लगी रही। मंदिर में लंबी लाइनों में लगकर लोग दर्शन करने में लगे रहे। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में मांगी गई हर मुराद दर्शन करने मात्र से ही पूरी हो जाती है। इसलिए यहां सबसे ज्यादा भीड़ लगी रही।
बांटा गया काले चने का प्रसाद
शाम को तारा पहला तारा निकलते ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए और उसके बाद देर रात तक भोग लगा काले चने का प्रसाद बांटा गया। भक्तों ने भी पूरे जोर-शोर से माता के जयकारे लगाए।
मंदिर में सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। मंदिर के दर्शन केवल दो ही दिन होते हैं, इस कारण काफी भीड़ लगी रहती है। काले चने का प्रसाद माता का प्रिय होता है तभी ये बांटा जाता है।