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यहां मिली हनुमानजी को लंका दहन के ताप से मुक्‍ति

भगवान राम के प्रिय भक्‍त के रूप में हनुमान जी विश्‍व विख्‍यात हैं। माता सीता ने हनुमान जी को प्रसन्‍न होकर अमरत्‍व का वरदान दिया था। क्‍या आप को पता है कि लंका दहन के बाद हनुमान जी तीव्र अग्नि से ग्रस्‍त हो गये थे।

By prabhapunj.mishraEdited By: Published: Mon, 15 May 2017 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 15 May 2017 01:17 PM (IST)
यहां मिली हनुमानजी को लंका दहन के ताप से मुक्‍ति
यहां मिली हनुमानजी को लंका दहन के ताप से मुक्‍ति

 चित्रकूट में भगवान राम ने दिये थे तुलसीदास जी को दर्शन

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तुलसी दास जी का एक दोहा बहुत प्रसिद्ध है। चित्रकूट के घट पे भई संतन की भीड़ तुलसीदास चंदन घिसें तिलक देत रघुवीर। चित्रकूट का अध्यात्मिक रुप से बड़ा ही महत्व है। चित्रकूट में ही भगवान श्रीराम ने तुलसीदास जी को दर्शन दिए थे। यह संभव हुआ था हनुमान जी की कृपा से। चित्रकूट में आज भी हनुमान जी वास करते हैं। यहां भक्तों को दैहिक और भौतिक ताप से मुक्ति मिलती है। 

हनुमानजी को लंका दहन के ताप से यहां मिली थी मुक्‍ति

भगवान राम की कृपा से हनुमान जी को उस ताप से मुक्ति मिली थी जो लंका दहन के बाद हनुमान जी को कष्ट दे रहा था। हनुमान जी ने प्रभु राम से कहा लंका जलाने के के बाद शरीर में तीव्र अग्नि बहुत कष्ट दे रही है। तब श्रीराम ने मुस्कराते हुए कहा कि-चिंता मत करो चित्रकूट पर्वत पर जाओ वहां अमृत तुल्य शीतल जलधारा बहती है उसी से कष्ट दूर होगा।


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