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मां दक्षिण काली दैवीय शक्ति का साक्षात रूप

मां दक्षिण काली दैवीय शक्ति का साक्षात स्वरूप है, जो कि दोनों नवरात्रों में कलियुग की कल्याणकारी शक्ति बनकर भक्तों का कल्याण करती है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 02:44 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 02:48 PM (IST)
मां दक्षिण काली दैवीय शक्ति का साक्षात रूप

हरिद्वार। मां दक्षिण काली दैवीय शक्ति का साक्षात स्वरूप है, जो कि दोनों नवरात्रों में कलियुग की कल्याणकारी शक्ति बनकर भक्तों का कल्याण करती है।

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यह बात शनिवार को श्री दक्षिण काली मंदिर पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने प्रथम नवरात्र के दिन दक्षिण काली पीठ पर घट स्थापना करने से पूर्व देवी भक्तों को नवरात्र साधना के महत्व के दौरान कही। नौ दिन तक चलने वाली अखंड साधना का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि दस महाविद्याओं में प्रथम मां काली 14 दिनों तक अनावरत भक्तों के बीच रहती है। नवरात्रों में माता का तीनों स्वरूपों में दर्शन होता है। प्रात: में किशोर अवस्था, दोपहर में युवा अवस्था और शाम में मां वृद्धावस्था में दर्शन देती है। इस अवसर पर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने पीठ के संस्थापक बाबा कामराज महाराज की वंदना भी की।

वंदना करते हुए उन्होंने कहा कि बाबा को मां ने स्वयं दर्शन देकर अपने विराजमान होने की जानकारी दी थी। देश के सभी तंत्र सम्राट इसी पीठ से शिक्षित हैं।


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