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यहां गणेशजी की प्रतिमा को समुद्र में डुबोने के बाद भी प्रतिमा अपने स्थान पर वापस आ गई

मंदिर के अंदर की दीवारों पर प्रसिद्ध चित्रकारों ने गणेश जी के जीवन से जुड़े दृश्य उकेरे हैं। इनमें गणेश जी के जन्म, विवाह आदि के दृश्य हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 29 Nov 2016 11:51 AM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2016 11:00 AM (IST)
यहां गणेशजी की प्रतिमा को समुद्र में डुबोने के बाद भी प्रतिमा अपने स्थान पर वापस आ गई

शास्त्रों में गणेश के 16 रूपों की चर्चा है। पुडुचेरी स्थित गणपति के मनाकुला विनायगर मंदिर का इतिहास पुडुचेरी में फ्रांसीसियों के आगमन यानी सन् 1666 से भी पहले का है। इनमें पुडुचेरी के गणपति, जिनका मुख सागर की तरफ है, को भुवनेश्वर गणपति कहा गया है। इन्हें अब मनाकुला कहा जाता है। तमिल में मनल का मतलब बालू और कुलन का मतलब सरोवर होता है। किसी जमाने में यहां गणेश मूर्ति के आसपास बालू ही बालू थी, इसलिए लोग इन्हें मनाकुला विनायगर पुकारने लगे।

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पुडुचेरी में फ्रेंच शासन के दौरान कई बार इस मंदिर पर हमले की कोशिश की गई। कहा जाता है कि फ्रांस से आए लोगों ने कई बार गणपति प्रतिमा को समुद्र में डुबो दिया, पर हर बार प्रतिमा अपने स्थान पर वापस आ जाती थी। कई बार इस मंदिर की पूजा में व्यवधान डालने की कोशिश की गई। खासतौर पर शुक्रवार को होने वाली विशेष पूजा, लेकिन गणपति का यह मंदिर अपनी पूर्ण प्रतिष्ठा के साथ आज भी भक्तों के लिए आकर्षण बना हुआ है।

मंदिर करीब 8,000 वर्ग फुट क्षेत्र में बना है। मंदिर की आंतरिक सज्जा स्वर्ण जड़ित है। यहां मुख्य गणेश प्रतिमा के अलावा 58 तरह की गणेश मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मंदिर के अंदर की दीवारों पर प्रसिद्ध चित्रकारों ने गणेश जी के जीवन से जुड़े दृश्य उकेरे हैं। इनमें गणेश जी के जन्म, विवाह आदि के दृश्य हैं।

मंदिर में गणेश जी का 10 फीट ऊंचा भव्य रथ है। इसके निर्माण में साढ़े सात किलोग्राम सोने का इस्तेमाल हुआ है। हर साल विजयादशी के दिन गणेश जी इस रथ पर सवार होकर विहार करते हैं। हर साल अगस्त-सितंबर महीने में मनाया जाने वाला ब्रह्मोत्सव यहां का मुख्य त्योहार है, जो 24 दिनों तक चलता है। मंदिर सुबह 5.45 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक और शाम को 4 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक खुला रहता है।

कैसे पहुंचें: पुडुचेरी के नए बस स्टैंड से मंदिर की दूरी करीब चार किलोमीटर है। यहां शेयरिंग ऑटो और स्थानीय बसें उपलब्ध हैं। पुडुचेरी का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन विल्लुपुरम है, जो वहां से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर है। पुडुचेरी के लिए चेन्नई, तंजौर, त्रिच्चि, कोयंबटूर, बेंगलुरू, मदुरई से बसें भी चलती हैं। चेन्नई यहां से करीब 135 किलोमीटर दूर है। यहां से पुडुचेरी आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां छोटी फ्लाइट्स भी पहुंचती हैं और चेन्नई दूसरा नजदीकी एयरपोर्ट है।

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