52 साल पुराना है देवी मां के दरबार का इतिहास
अखिल भारत वर्षीय श्री सनातन धर्म महाबीर दल नंबर एक में हनुमान जी, शनिदेव जी महाराज के साथ देवी मां का दरबार भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। एक नंबर बी.ब्लाक स्थित मंदिर में नवरात्र के दौरान मेला लगता है। मंदिर का अपना इतिहास है। देवी मां के दरबार का इतिहास 52साल पुराना है। मंदिर का इतिहास- एनआइटी स्थित श्री अि
फरीदाबाद। अखिल भारत वर्षीय श्री सनातन धर्म महाबीर दल नंबर एक में हनुमान जी, शनिदेव जी महाराज के साथ देवी मां का दरबार भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। एक नंबर बी.ब्लाक स्थित मंदिर में नवरात्र के दौरान मेला लगता है। मंदिर का अपना इतिहास है। देवी मां के दरबार का इतिहास 52साल पुराना है।
मंदिर का इतिहास-
एनआइटी स्थित श्री अखिल भारत वर्षीय श्री सनातन धर्म महाबीर दल नंबर एक की स्थापना 1952 में की गई थी। शुरूआत में मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की गई। बाद में 1962 में मंदिर में देवी मां के दरबार की स्थापना की गई। मंदिर में हर पर्व, त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्र महोत्सव, दशहरा, हनुमान जयंती, दीवाली, शनिदेव जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। नवरात्र के दौरान कई बरसों से मंदिर में मेला लगता है तो हनुमान जयंती पर विशाल शोभा यात्रा निकाली जाती है।
विशेषता-
मंदिर में प्रतिदिन विधिवत पूजा-पाठ किया जाता है। इस समय मंदिर में शैल पुत्री, ब्रह्माचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, मां कात्ययानी, मां काल रात्रि, महागौरी तथा मां सिद्धदात्री की मूर्ति श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र बनी हुई है। मंदिर में देवी मां के दरबार के अलावा शनिदेव जी महाराज का भी दरबार है। नवरात्र के दिनों में मंदिर सुबह चार बजे खुल जाता है। मंदिर में प्रतिदिन सुबह छह बजे तथा शाम को सात बजे आरती की जाती है। देवी मां की आराधना से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है।
-गोबिंद राम कुमार, अध्यक्ष मंदिर कमेटी।