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यहां हैं 108 दुर्गा मंदिर

पुराणों के अनुसार, गोकर्ण और कन्याकुमारी का निर्माण भगवान परशुराम ने किया था। भगवान परशुराम, विष्णु जी के सातवें अवतार थे। उनके पिता का नाम ऋषि जमदग्नि और मां का नाम रेणुका था। एक बार परशुराम जी ने गोकर्ण में समुद्रदेव की साधना की। वह प्रसन्न हुए तब परशुराम जी

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2015 02:40 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2015 04:24 PM (IST)
यहां हैं 108 दुर्गा मंदिर

पुराणों के अनुसार, गोकर्ण और कन्याकुमारी का निर्माण भगवान परशुराम ने किया था। भगवान परशुराम, विष्णु जी के सातवें अवतार थे। उनके पिता का नाम ऋषि जमदग्नि और मां का नाम रेणुका था। एक बार परशुराम जी ने गोकर्ण में समुद्रदेव की साधना की। वह प्रसन्न हुए तब परशुराम जी ने अपने पापों से दोषमुक्त होने के लिए समुद्र देवता से भूमि मांगी। यह भूमि वो ब्राह्मणों को दान करना चाहते थे। लेकिन भूमि उपलब्ध नहीं थी। समुद्र देव ने कहा, 'आपने तो 21 बार पृथ्वी को क्षत्रियों के विहीन कर दिया है।'

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समुद्र देव बोले, 'यदि आप जहां खड़े हैं यानी गोकर्ण में यहां से अगर फरसा समुद्र में फेंकते है तो यह फरसा जहां तक जाएगा वह भूमि आपकी हो जाएगी।' परशुराम जी ने जहां फरसा फेंका वहां उन्होंने 64 गांवों को बसाया। वर्तमान में यह जगह केरल है।

कहते हैं इन 64 गांवों में से वर्तमान में 32 केरल में और बाकी के कन्याकुमारी क्षेत्र में हैं। इन गांवों की मूल भाषा मलयालम है। इन गांवों के निर्माण के बाद, भगवान परशुराम ने भगवान शिव के 108 मंदिरों और इसी के साथ यहां 108 दुर्गा मंदिरों का भी निर्माण करवाया।

इन सभी 216 मंदिरों में, उत्तर दिशा की ओर गोकर्ण महाबलेश्वर मंदिर और दक्षिण में कन्याकुमारी मंदिर है जहां देवी कुमारी विराजित हैं। जो केरल के संरक्षक के रूप में मानी जाती है। ये सभी 108 दुर्गा मंदिर केरल के लोगों की समृद्धि के सूचक माने गए हैं।

भगवान परशुराम द्वारा बनवाया गया पहला दुर्गा मंदिर कन्याकुमारी देवी मंदिर था। वहीं पहले मंदिर के रूप में कुमारान्नलूर देवी मंदिर का भी उल्लेख मिलता है। इन मंदिरों के नाम से प्रसिद्ध 108 दुर्गालय के स्त्रोत में में दिए गए थे।


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