घाटों पर जीवंत हुई परंपरा
गंगा अवतरण दिवस ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर बुधवार को धर्मानुरागीजनों ने गंगा में डुबकी लगायी।
वाराणसी। गंगा अवतरण दिवस ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर बुधवार को धर्मानुरागीजनों ने गंगा में डुबकी लगायी। पूजन-ध्यान और गरीबों में दान किया। सायंकाल विभिन्न संस्थाओं की ओर से अलग-अलग घाटों पर महाआरती व अनुष्ठान किए जाएंगे।
आज गंगा दशहरा है, ज्येष्ठ शुक्ला दशमी को दशहरा कहते हैं। इसमें स्नान, दान, रूपात्मक व्रत होता है। स्कन्दपुराण में लिखा हुआ है कि, ज्येष्ठ शुक्ला दशमी संवत्सरमुखी मानी गई है इसमें स्नान और दान तो विशेष करके करें। किसी भी नदी पर जाकर अर्घ्य (पूजादिक) एवम् तिलोदक (तीर्थ प्राप्ति निमित्तक तर्पण) अवश्य करें। ऐसा करने वाला महापातकों के बराबर के दस पापों से छूट जाता है।
भविष्य पुराण में लिखा हुआ है कि, जो मनुष्य इस दशहरा के दिन गंगा के पानी में खड़ा होकर दस बार इस स्तोत्र को पढ़ता है चाहे वो दरिद्र हो, चाहे असमर्थ हो वह भी प्रयत्नपूर्वक गंगा की पूजा कर उस फल को पाता है।
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