गंगा दशहरा पर जगह-जगह लंगर का आयोजन
गंगा दशहरा के मौके पर बृहस्पतिवार को शहर में जगह-जगह लंगर का आयोजन किया गया।
गुडग़ांव। गंगा दशहरा के मौके पर बृहस्पतिवार को शहर में जगह-जगह लंगर का आयोजन किया गया। मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की खास भीड़ रही। अधिकांश लोगों ने स्नान करने के बाद ही भोजन ग्रहण किया।
बृहस्पतिवार सुबह से ही शहर के अधिकांश मंदिरों में गंगा दशहरा के कारण सुबह-सुबह पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे। काफी संख्या में लोग हरिद्वार से लेकर अन्य जगहों पर गंगा स्नान के लिए शहर से गए। लोगों का कहना है कि जब शहर विकसित नहीं हुआ था उस समय गंगा दशहरा के दिन काफी संख्या में लोग हरिद्वार से लेकर प्रयाग तक जाया करते थे। जैकबपुरा निवासी बुजुर्ग नारायण शर्मा कहते हैं कि यमुना मैली नहीं थी तब काफी संख्या में लोग गंगा दशहरा के दिन यमुना में स्नान करने के लिए भी जाते थे। हरियाणा संस्कृति अकादमी के सदस्य आचार्य सुनील गौतम कहते हैं कि ब्रह्म पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल दसवीं को हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से गंगा का आगमन हुआ था। इस दिन को गंगा के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान, अन्न वस्त्र आदि का दान जप-तप और व्रत किया जाता है। इससे दस प्रकार के पापों (तीन प्रकार के शारीरिक, चार प्रकार के वाचिक और तीन प्रकार के मानसिक पापों) से छुटकारा मिलता है। इस बार दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल की दसवीं को हस्त नक्षत्र और कन्या का चंद्र होने के कारण अपूर्व योग कारक और महा फलदायक है। दशहरे के दिन भगवान शंकर की अराधना एवं रूद्राभिषेक करने अन्नत फल की प्राप्ति होती है।
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