रिकॉर्ड की रेल पर सवार युवा
जब चढ़ जाता है रिकॉर्ड बनाने का जुनून युवाओं के दिलोदिमाग पर तो फिर वे न मेहनत से घबराते हैं और न ही खतरे से। कुछ अलग करने की ख़्वाहिश, दुनिया में नाम कमाने की इच्छा और खुद को साबित करने की पुरजोर कोशिश रिकॉडर्स बनाती है। सटीक प्लैनिंग गहन रिसर्च कड़े परिश्रम से वो रिकॉर्ड बुक में जगह पा ही लेते हैं। ये सिलसिला थमता नहीं बस आगे बढ़ता ही जाता है। एक के बाद एक पड़ाव पार कर चल पड़ती है रिकॉड्र्स की रेल...
By Edited By: Published: Wed, 30 Nov 2016 05:16 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2016 05:16 PM (IST)
तुषार को ड्राइविंग का पैशन शुरू से था। प्रोफेशन से वे सॉफ्ट इंजीनियर थे लेकिन ट्रैवल के क्षेत्र में कुछ करना चाह रहे थे। रिकॉर्ड बनाने की सूझी तो लंदन से दिल्ली गाडी से आ गए। इसी तरह संजय ने पहला रिकॉर्ड टाटा नैनो को दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड तक चला कर ले जाने का बनाया। रिकॉडर्स और ड्राइविंग के पैशन के चलते वे मिले और रिकॉर्ड बनाने का जुनून आगे बढ निकला। आज उनके 12 कॉमन लिम्का रिकॉडर्स हैं। ग्रेट फायर ऐक्ट और आंचल कुछ खतरनाक करने का जुनून आंचल कुमावत को रिकॉडर्स की ओर लेकर गया। जादू उनके पिता की हॉबी थी मगर आंचल ने इसे ही प्रोफेशन बना लिया। बताती हैं आंचल, 'मैं मैजिशियन हूं। पांच साल की भी नहीं थी कि मैंने मैजिक करना स्टार्ट कर दिया था। मैंने लगभग 10000 शोज किए हैं लेकिन मुझे हमेशा लगता कि कुछ ऐसा करूं जो काफी खतरनाक हो और लोगों की सांसें रुक जाएं। मुझे 100 फीट लंबी चेन से बांधा गया, उसमें 100 लॉक लगाकर लकडी के बॉक्स में पैक कर दिया गया और क्रेन से उठा कर सूखे घास के कुएं में डालकर आग लगा दी गई थी लेकिन मैं बाहर निकल आई। समोसा और जलेबी जब रितेश सोनी और उनकी युवा टीम ने दुनिया का सबसे बडा समोसा तैयार कर इंग्लैंड के ब्रॉडफोर्ड कॉलेज के छात्रों के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया और गिनीज बुक के लिए अपना दावा पेश कर दिया तो रिकॉड्र्स बनाने का युवाओं का जुनून फिर चर्चा में आ गया। इन स्कूली बच्चों का बनाया समोसा करीब 180 सेमी लंबा, 175 सेमी चौडा और 35 मीटर ऊंचा है। इसका वजन लगभग साढे तीन से चार क्विंटल आंका गया। मनीष प्रजापति और 10 युवाओं की टीम ने साढे सत्तर किलो की जलेबी बनाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था। दुनिया का चक्कर कार से शुरू से ही कुछ अलग करने का डीएनए था हमारा। जब हमने कार से पूरी दुनिया का चक्कर लगाया तो वह अपने आप में अनोखा था। हमने 6 उपमहाद्वीपों के 50 देशों में 90,151 किलोमीटर गाडी चलाई, जिसमें कुल 453 दिन लगे। हमने आठ रिकॉर्ड बनाए। संजय मैगजिक वुमन मैं हिल नहीं सकती थी और बॉक्स को भी चारों तरफ से वेल्ड किया गया था और इन सबको तोड कर मैं कुछ ही सेकंड्स में आग से बाहर निकल आई। आज तक भारत में किसी पुरुष ने भी 100 फीट चेन के साथ ऐसा नहीं है। अब मैं 150 फीट चेन के साथ ऐक्ट करना चाहती हूं। मजाक,धनु और रिकॉर्ड एक दिन मजाक-मजाक में दोस्तों ने बोला कि तुम गर्दन घुमा कर दिखाओ। उस समय के बाद मैंने ट्राइ करना शुरू किया। करीब दो महीने लगे। फिर मैंने ट्रेनिंग ली और गर्दन को 180 डिग्री घुमाना शुरू किया। जून में मैंने एक और रिकॉर्ड बनाया, मोस्ट नंबर ऑफ पुशअप्स विद टोरसो रोटेटेड 180 डिग्री बैकवर्ड इन वन मिनट। आज तक दुनिया में किसी ने ऐसे पुशअप्स नहीं लगाए हैं। मैंने 62 पुशअप्स एक मिनट में लगाए। मैंने फ्लेक्सिबिलिटी के कई रिकॉड्र्स के लिए अप्लाई किया है।'
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