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दुनिया इन दिनों

सचेत और बातूनी किस्म की इतालवी महिला एम्मा मोरानो 117 साल की हो गई हैं। उन्हें 19 वीं सदी का आखिरी व्यक्ति माना जाता है। उनका जन्म नवंबर 1899 में हुआ था और ये दुनिया की सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति हैं।

By Edited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2017 04:02 PM (IST)
दुनिया इन दिनों
सचेत और बातूनी किस्म की इतालवी महिला एम्मा मोरानो 117 साल की हो गई हैं। उन्हें 19 वीं सदी का आखिरी व्यक्ति माना जाता है। उनका जन्म नवंबर 1899 में हुआ था और ये दुनिया की सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति हैं। इन्हें गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र भी मिला है। मोरानो बताती हैं कि वह किसी को आमंत्रित नहीं करतीं मगर कई लोग उनसे मिलने अमेरिका, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रिया, तुरीन और मिलान से आते हैं। वह प्रतिदिन दो अंडे और कुकीज खाती हैं। उनके पास दांत नहीं हैं। वे एकांतप्रिय हैं। वर्ष 1938 में उनके इकलौते बेटे की मृत्यु हो गई थी और इसके बाद उन्होंने हिंसक पति को छोड दिया था। तभी से मोरानो अकेली हैं। पिछले साल तक वह अकेली ही थीं मगर फिर उन्हें एक पूर्णकालिक सेवक मिला। पिछले बीस साल से वह अपने दो कमरों के घर में अकेली रहती हैं। बमुश्किल बोल व सुन पाती हैं और उनकी नजर भी कमजोर हो गई है। उनके जन्मदिन पर हुए समारोह में कुछ रिश्तेदारों के अलावा शहर के मेयर भी मौजूद थे। उनके सम्मान में तीन सदियों का संगीत बजाया गया और उनकी जीवनी दिखाई गई, जिसका शीर्षक था- स्त्री जिसने तीन सदियां देखीं। बर्फ की छत, दीवारें और बिस्तर ठंड के मौसम में गर्म कपडों में भी लोगों को ठिठुरते देखा है। सर्दी से बचने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। खाने-पीने की ठंडी चीजों से दूर रहते हैं। ऐसे में कभी बर्फ से बने कमरे में रहना पडे तो...? जी हां, स्वीडन का साल भर खुला रहने वाला आइस होटल 365 ऐसा ही है, जो बना ही बर्फ से है। तैरता हुआ बर्फ का बेड, बर्फ की दीवारें, छत और सीढिय़ां...यानी हर चीज ही यहां बर्फ की है। इन कमरों का तापमान पांच डिग्री है। यहां 12 सूइट्स, 11 आर्ट सूइट्स और 8 डीलक्स सूइट्स हैं। इसे 9 देशों के 40 से ज्यादा डिजाइनर्स और आर्किटेक्ट्स ने बनाया है। गर्मियों में सोलर पावर के इस्तेमाल से होटल को ठंडा रखा जाता है। उम्र जरा सी मगर काम बडे हैरतअंगेज कारनामे करने के लिए इंसान किसी उम्र का मोहताज नहीं होता। मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है। यह बात सच कर दिखाई है अमेरिका की रॉक क्लाइंबर अशिमा शिरैशी ने, जो सिर्फ 15 साल की हैं। वह अब तक की सबसे कम उम्र की रॉक क्लाइंबर हैं। छह वर्ष की आयु में सेंट्रल पार्क और मैनहेटन प्लाजा हेल्थ क्लब से क्लाइंबिंग की शुरुआत करने वाली अशिमा बॉल्डरिंग की सबसे कठिन चढाई यानी ग्रेड वी 15 के लेवल पर क्लाइंबिंग कर चुकी हैं। इनसे पहले अभी तक केवल एक ही महिला ने कठिनाई के इस लेवल को पार किया है। फरवरी 2016 में अशिमा ने यूएसए क्लाइंबिंग यूथ बॉल्डरिंग चैंपियनशिप जीती है। तोते और मालिक का गहरा प्यार जैसे बहुत से लोग हैं, जो घर में रहने वाले अपने पालतू पशु से भी उतना ही प्यार करते हैं, जितना परिवार के सदस्यों से करते हैं। इंसान ही नहीं, पशु भी ऐसा कर सकते हैं, कम से कम यह वाकया तो इस बात की सच्चाई को पुख्ता करता है। अमेरिका के ऑरेगोन राज्य के क्रेग बकनर नामक शख्स को किसी केस के तहत कोर्ट पहुंचना था। बकनर पर ड्रग और चोरी का आरोप लगा था। जब वह कोर्ट में गया तो अपने पालतू तोते को भी साथ ले गया। बकनर को लगा था कि कोर्ट की कार्यवाही जल्दी खत्म हो जाएगी मगर ऐसा बिलकुल नहीं हुआ। वह कोर्ट पहुंचा तो तोते को कोर्ट में ले जाने की इजाजत नहीं मिली। उसने बाहर के एक पेड पर उसे इंतजार करने को कहा। कोर्ट में उसे काफी देर हो गई और इस बीच बकनर का पूरा ध्यान अपने तोते पर ही लगा रहा, जो बाहर पेड पर बैठा था। कोर्ट ने बकनर को जमानत नहीं दी तो वह अपने प्रिय तोते को लेकर और भी चिंतित हो गया। काफी मिन्नतें करने के बाद जब उसे बाहर आने दिया गया तो उसने देखा कि उसका तोता पेड पर बैठा ढेर सारे कौओं से घिरा था। वे तोते पर आक्रमण कर रहे थे और वह घायल हो गया था मगर मालिक की बात मानते हुए अपनी जगह से हिला तक नहीं। जब उसने मालिक को आते देखा तो फौरन उसके कंधे पर जा बैठा।

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