ऑनलाइन वर्सेस ऑफलाइन शॉपिंग
त्योहारी खुमारी छाई हो और मन शॉपिंग के लिए न मचले, यह नहीं हो सकता। यह तो ऐसा मौसम है जब हर व्यक्ति शॉपिंग फ्रीक नजर आता है। आज हर क्षेत्र की तरह शॉपिंग में भी क्रांति आ चुकी है। इंटरनेट पर सजी दुकानों ने बाजार की आधी रौनक कम कर दी है। ऐसे में खरीदार क्वॉलिटी शॉपर कैसे बनें? सखी ने एक्सपर्ट्स से बात करके जाना।
केस 1
जगह: एक व्यस्त स्ट्रीट मार्केट।
सीन: कॉलेज की कुछ लडकियां एक दुकान में जॉर्जट की कुर्तियों के लिए मोलभाव कर रही हैं। दस मिनट की बहस के बाद जब वो वापस जाने लगीं तो दुकानदार ने आवाज दी, लो अछा ले जाओ दो सौ रुपये में। आप भी क्या याद करोगी! लडकियों ने देखा, कम करवा लिया ना वाले अंदाज में एक-दूसरे की तरफ देखा और शॉपिंग बैग में समेट ले गई अपने हिस्से की खुशियां।
केस 2
जगह: एक कॉरपोरेट कंपनी का ऑफिस।
सीन: अकाउंट्स मैनेजर इशिता ने तय किया था कि आज वह अपना पसंदीदा आइफोन खरीद कर ही रहेगी। हेक्टिक शेड्यूल के चलते शोरूम जाने का समय तो था नहीं। सो उसने बैलेंस शीट्स को मिनिमाइज किया, अपने पसंदीदा शॉपिंग पोर्टल पर लॉगिन किया और आइफोन की तमाम लेटेस्ट डिजाइंस देख डालीं। आखिर उसे ग्लॉसी फिनिश और एडवांस्ड फीचर्स वाला एक मॉडल पसंद आया जिसका उसने ऑर्डर प्लेस कर दिया।
ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, आज लोगों के लिए शॉपिंग के ये दोनों विकल्प महत्वपूर्ण हैं। ऑफलाइन शॉपिंग तो पिछले कई सालों से समाज में विशेष स्थान रखती है, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग बेहद कम समय में इसके समानांतर आ खडी हुई है। खास कर बडे शहरों में जहां लोगों के पास वक्त की कमी है और जो होम डिलिवरी जैसी सुविधाओं के आदी हैं।
ई-शॉपिंग के फायदे
इंटरनेट के जरिये सामान खरीदने के कई फायदे हैं जिनके चलते इसकी पहुंच इतनी तेजी से फैल रही है। मेट्रो शहरों के अलावा भारत के सेकंड टियर शहरों के लोग भी अब कई चीजों को ऑनलाइन खरीदना पसंद कर रहे हैं। यह कई मामलों में सुविधाजनक और फायदेमंद है। इसके जरिये आप 24 घंटे में किसी भी वक्त शॉपिंग कर सकती हैं। कई ऐसे उत्पाद भी खरीद सकती हैं जिन्हें दूसरों के सामने खरीदते हुए आप झिझक महसूस करती हैं। इसमें ऊर्जा, पैसे, आने-जाने के खर्च की बचत होती है तो बिलिंग काउंटर्स की लंबी लाइन में लगने से भी आप बच जाती हैं। इसमें विभिन्न ऑफर्स और डिस्काउंट्स के साथ ही फ्री होम डिलिवरी, कैश-ऑन-डिलिवरी और ईजी बैंक ट्रांस्फर जैसे सुविधाजनक विकल्प भी मिलते हैं।
ऑफलाइन शॉपिंग का है अलग मजा
अगर आप व्यक्तिगत तौर पर चीजों को देखे और परखे बिना उन्हें खरीदने का मन नहीं बना पाती हैं तो आपके लिए बाजार जाकर शॉपिंग करना ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। शॉपिंग के इस परंपरागत तरीके का फायदा यह होता है कि आप उत्पादों को खरीदने से पहले उन्हें देख, छू और परख सकती हैं। किसी चीज की तुरंत जरूरत हो तो उसकी डिलिवरी तक इंतजार नहीं करना पडता। बाजार जाकर कुछ पसंद करने, उसके लिए बार्गेन करने और खरीद कर ले जाने में जो संतुष्टि मिलती है, वह ऑनलाइन शॉपिंग में नहीं मिलती। अगर आप कोई परिधान खरीदने के लिए बाजार जाती हैं तो उसे पहन कर उसके साइज आदि का अंदाजा ले सकती हैं। यह भी देख सकती हैं कि वह आप पर कैसा दिखेगा। इस तरह की शॉपिंग में दुकानदार और ग्राहक के बीच व्यक्तिगत संवाद होता है। ग्राहक उसे अपनी जरूरत बता सकता है और दुकानदार उसके हिसाब से तुरंत ही सामान निकाल कर दिखाता है। यह सुविधा ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर नहीं मिलती। शॉपिंग करना एक स्ट्रेस बस्टर भी है। अगर आप किसी वजह से परेशान हैं तो दोस्तों के साथ अपनी पसंदीदा चीज की शॉपिंग के लिए जाकर आप अपना मूड तरोताजा कर सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ मायनों में ऑनलाइन शॉपिंग ऑफलाइन शॉपिंग की जगह कभी नहीं ले सकती।
जरूरी है संतुलन
आज बाजार काफी कस्टमर फ्रेंडली हो चुका है। जरूरत है तो बस ऑनलाइन और ऑफलाइन शॉपिंग के बीच संतुलन कायम करने की। हम न तो पूरी तरह से ऑनलाइन शॉपिंग पर निर्भर रह सकते हैं, न ही ऑफलाइन शॉपिंग पर। कब कौन सा विकल्प ठीक रहेगा, यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अगर किसी गृहिणी को खाना बनाते वक्त किसी मसाले की जरूरत पडती है तो उसके लिए ई-पोर्टल की बजाय कॉलोनी के स्टोर से खरीदारी करना बेहतर है। वहीं अगर किसी मैनेजमेंट छात्र को कोई किताब बाजार में नहीं मिल रही है या उसका घर बाजार से दूर है तो उसके लिए ऑनलाइन विकल्पों को अपनाना बेहतर है। विवेक के आधार पर यह तय करना चाहिए कि किन परिस्थितियों में ऑनलाइन शॉपिंग करनी है और किनमें ऑफलाइन। ऐसा करके आप क्वॉलिटी शॉपर बन सकती हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग टिप्स
- सबसे पहले उन ई-पोर्टल्स का चयन करें जहां ऑर्डर प्लेस करना सुविधाजनक हो और जिनमें शिपिंग, रिटर्न पॉलिसी, कस्टमर सपोर्ट, प्राइवेसी पॉलिसी आदि से जुडी शिकायतें न आती हों।
- शॉपिंग के वक्त स्क्रीन पर नजर आने वाले पॉप-अप्स पर क्लिक न करें। ये स्पैम लिंक्स हो सकते हैं जिनके जरिये आपके अकाउंट से संबंधित जानकारियां चुराई जा सकती हैं।
- कोई शॉपिंग वेबसाइट खोलने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वेब एड्रेस सही है। कई बार असली वेबसाइट से मिलती-जुलती फेक वेबसाइट्स लोगों को भ्रम में डाल देती हैं। जिन शॉपिंग वेबसाइट्स के बारे में आपको जानकारी न हो, उन पर शॉपिंग करने से बचें।
विश्वसनीय शॉपिंग वेबसाइट्स पर ही शॉपिंग करें।
- कैश-ऑन-डिलिवरी का विकल्प सबसे अछा रहता है क्योंकि इस स्थिति में आप प्रोडक्ट मिल जाने के बाद ही पेमेंट करती हैं।
- ऑर्डर की कॉपी का प्रिंट निकाल लें और उसे सामान की डिलिवरी होने तक संभाल कर रखें।
- ऑनलाइन शॉपिंग कभी भी किसी सायबर कैफे या शेयर्ड कंप्यूटर से नहीं करनी चाहिए। आपके अकाउंट से संबंधित जानकारियां कंप्यूटर हिस्ट्री में सेव होने से उसकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
- ऑनलाइन शॉपिंग के जरिये कपडे खरीदने से बचें। अगर ऐसा जरूरी हो तो यह मानकर चलें कि उनके रंग, क्वॉलिटी या साइज को लेकर दिक्कतें हो सकती हैं। यह पहले से ही सुनिश्चित कर लें कि ऐसा होने पर कपडे बदलने या पैसे वापस करने की सुविधा है या नहीं।
ऑफलाइन शॉपिंग टिप्स
- कोई भी उत्पाद खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह किसी ब्रैंड की कॉपी न होकर ओरिजिलन उत्पाद हो। साथ ही मानकों पर भी खरा उतरता हो।
- कोई महंगी वस्तु खरीदने से पहले विस्तृत मार्केट रिसर्च करें। गूगल पर उसके बारे में सर्च करें और उसके विशेषज्ञों से भी सलाह लें।
- किसी भी सामान को खरीदते समय उसका बिल लेना न भूलें।
- यह सुनिश्चित कर लें कि सामान डिफेक्टेड तो नहीं है।
- अगर विक्रेता वैट का शुल्क काट चुका है तो इनवॉइस में टिन नंबर का विवरण होना अनिवार्य है।
( छाबरा 555.कॉम की बिजनेस डेवलपमेंट हेड अशिता छाबडा से बातचीत पर आधारित। )
ज्योति द्विवेदी