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ज्यूलरी खरीदने से पहले

अगर आप करवाचौथ, धनतेरस और दीपावली के दौरान ज्यूलरी खरीदने का मन बना रही हैं तो ज़रूरी है कि कुछ बातें जान लें। जानें आभूषण खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

By Edited By: Published: Sat, 08 Oct 2016 12:19 PM (IST)Updated: Sat, 08 Oct 2016 12:19 PM (IST)
ज्यूलरी खरीदने से पहले
सोने से बने आभूषण न केवल आपके सौंदर्य में चार चांद लगाते हैं, बल्कि अपनी रीसेल वैल्यू की वजह से ये स्त्रियों को आर्थिक सुरक्षा भी देते हैं। इसलिए सोना खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखें ताकि आपके साथ कोई धोखा न हो जाए। थोडी सी जानकारी आपको बडे नुकसान से बचा सकती है, जानें कैसे। जब करें ज्यूलरी शॉपिंग 1. ज्यूलरी की कीमत उसकी शुद्धता के अलावा उसके डिजाइन पर भी निर्भर करती है। जितनी बारीक और खूबसूरत कारीगरी होगी, उतना ही ज्यादा मेकिंग चार्ज भी होगा। कई दुकानों में ज्यूलरी का मेकिंग चार्ज ज्यादा लिया जाता है इसलिए विश्वसनीय ज्यूलर्स से ही गोल्ड खरीदें। 2. गोल्ड ज्यूलरी पर भी हॉलमार्क होता है। इससे शुद्ध सोने की पहचान की जाती है। बीआईएस- स्टैंडर्ड मार्क यह बताता है कि हॉलमार्किंग थर्ड पार्टी द्वारा की गई है। प्योरिटी ग्रेड- मार्केट में 18 कैरेट और 22 कैरेट का सोना मिलता है लेकिन सोने की शुद्धता तीन डिजिट से मापी जाती है। इसका मतलब है कि सोने के 1000 पार्ट में से 958 शुद्ध है। हॉलमार्किंग सेंटर मार्क- यह मार्क थर्ड पार्टी का ही होता है, जो कि बीआईएस की ओर से अप्रूव्ड होता है। 3. जब भी आप गहने बेचेंगी तो मेकिंग चार्ज की कीमत का नुकसान होगा क्योंकि बेचते वक्त आपको सोने की ही कीमत मिलेगी। ऐसे में कम से कम मेकिंग चार्ज वाली ज्यूलरी खरीदना फायदे का सौदा है। ध्यान रखें, आप सोने में जितने ज्यादा नग और डिजाइन की मांग करेंगी, उस पर मेकिंग चार्ज उतना ही ज्यादा होगा और सोने की शुद्धता उतनी ही कम हो जाएगी। 4. एसिड टेस्ट के जरिये आप खुद असली सोने की पहचान आसानी से कर सकती हैं। इसके लिए आप पिन से सोने की ज्यूलरी पर हलकी सी खरोंच लगाएं और फिर उस खरोंच पर नाइट्रिक एसिड की कुछ बूंदें डालें। अगर सोना नकली होगा तो वह तुरंत ही हरे रंग में बदल जाएगा और अगर वह सही है तो उस पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा। मैग्नेट टेस्ट भी किया जा सकता है, असली सोना मैग्नेट या चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होगा। 5. सोने की कीमत हाल के दिनों में काफी कम रही है इसलिए अगर आप अपने पुराने गहने बदलकर कुछ नया बनवाना चाहती हैं तो हो सकता है कि आपको गहने का वेस्टेज ज्यूलर को देना पडे। सोने के गहनों को दूसरे गहने से बदलते वक्त कुछ हिस्से का नुकसान होता है लेकिन जौहरी इसे वापस निकाल लेते हैं। बेहतर होगा कि आप कई जगहों पर वेस्टेज चार्ज का पता करें और तभी गहनें बदलें। 6. ईएमआई बनवाते वक्त सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ लें। ध्यान रखें, ईएमआई के ऑफर्स के लालच में न फंसें। सखी फीचर्स

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