यह स्टाइलिंग ज़रा हटकर
पेट्स ग्रूमिंग एक ऐसा विकल्प है, जो काफी हद तक आपकी हॉबी को ही आपका करियर बनाने में मदद करेगा, जानिए कैसे।
अगर आप लाइफमें कुछ अलग करने की चाह रखते हैं तो रेगुलरजॉब से हटकर करियर बनाएं।
अगर आप एनिमल लवर हैं और उन्हें पालने का शौक रखते हैं तो पेट्स स्टाइलिंगका क्षेत्र आपके लिए बेस्ट रहेगा। इसके लिए सर्टिफिकेट कोर्स कर आप देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। सखी से जानें, इस फील्ड से जुडी जानकारियों के बारे में।
जानें क्या है पेट्सग्रूमिंग पेट्स ग्रूमर का काम पालतू जानवरों की देखरेख और उन्हें दिशा-निर्देश देना होता है। एक ग्रूमरको पालतू जानवरों की विभिन्न नस्लों के बारे में पता होना चाहिए। अच्छा ग्रूमर बनने के लिए आपमें जानवरों की बॉडी लैंग्वेज समझने की क्षमता होनी चाहिए। साथ ही पेट्सके गुस्से को कंट्रोल करने का हुनर भी आना चाहिए। पालतू जानवरों की डाइट और उनके रखरखाव के बारे में जागरूक होना जरूरी है। एनिमलग्रूमिंगमें बैटरी ट्रिमर,डॉग ट्रिमरकिट की हेल्पसे कंफर्टग्रिप और कटिंग भी की जाती है। किट की मदद से कंघी करना, ऑयलिंग, क्लीनिंगब्रश और सीजरका यूज भी किया जाता है।
अब लोग अपने पालतू जानवरों के स्वास्थ्य और उनकी स्टाइलिंग के प्रति जागरूक हो गए हैं, जिससे पेट्स ग्रूमर्स की मांग तेजी से बढी है। इस क्षेत्र में अनुभवी पेट्सग्रूमर्ससे ट्रेनिंग लेकर शुरूआत की जा सकती है।
विदेशों में बढी डिमांड भारत में भी दिन-प्रतिदिन पालतू जानवर रखने का ट्रेंडबढ रहा है। पेट्सग्रूमरकी डिमांड फिलहाल विदेशों में ज्यादा है पर तेजी से भारत में भी इसके सेंटर्स,स्कूल, ग्रूमिंग क्लिनिक, पेट्सग्रूमर्स,पशु चिकित्सक क्लिनिक, एनिमलशेल्टर,पेट्ससप्लाई स्टोर्स में काम की तलाश कर सकते हैं। इसके साथ अनुभव के आधार पर अपना व्यवसाय जैसे पेट्ससलॉन, पेट्सबोर्डिंग सर्विस भी शुरू कर सकते हैं। पेट्स स्पा बिजनेस भी तेजी से ग्रोकर रहा है। इसके अंतर्गत पेट्स लवर्स अपने पेट्सकी देखरेख के लिए इन सेंटरों पर कॉल करते हैं और डोर टु डोरपेट्स ग्रूमिंग सर्विसेजदेते हैं।
मेन सेंटर्सहैं ये पेट्स की सेहत के अलावा उनके खानपान और लुक जैसी कई बातें स्टाइलिस्टके कार्यक्षेत्र के तहत आती हैं। -स्कूपीस्क्रब,नई दिल्ली, फूजीवूजी,बेंगलुरू