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उलझनें सखी की

मैं 24 वर्षीया विवाहिता हूं। मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं। मैंने नोटिस किया है कि मेरे पति को बेवजह झूठ बोलने और बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की आदत है। मजबूरी में कभी-कभी झूठ बोलने की वजह समझ आती है, पर वह छोटी-छोटी बातों के लिए भी झूठ बोलते हैं। कई बार उनकी इस गलती को छिपाने के लिए मुझे भी उनका साथ देना पड़ता है, लेकिन जब सचाई दूसरों के सामने आ जाती है तो मुझे बहुत शर्मिदगी महसूस होती है। मुझे झूठ से सख्त नफरत है। उनकी इस आदत का हमारे रिश्ते पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इस समस्या का क्या समाधान है?

By Edited By: Published: Mon, 03 Nov 2014 11:30 AM (IST)Updated: Mon, 03 Nov 2014 11:30 AM (IST)
उलझनें सखी की

मैं 24 वर्षीया विवाहिता हूं। मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं। मैंने नोटिस किया है कि मेरे पति को बेवजह झूठ बोलने और बातों को बढा-चढाकर पेश करने की आदत है। मजबूरी में कभी-कभी झूठ बोलने की वजह समझ आती है, पर वह छोटी-छोटी बातों के लिए भी झूठ बोलते हैं। कई बार उनकी इस गलती को छिपाने के लिए मुझे भी उनका साथ देना पडता है, लेकिन जब सचाई दूसरों के सामने आ जाती है तो मुझे बहुत शर्मिदगी महसूस होती है। मुझे झूठ से सख्त नफरत है। उनकी इस आदत का हमारे रिश्ते पर भी बुरा असर पड रहा है। इस समस्या का क्या समाधान है?

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ए. एस., दिल्ली

आपके पति की यह आदत आगे चलकर गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या का रूप धारण कर सकती है। ऐसे मनोरोग को कंपल्सिव लाइंग कहा जाता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति कल्पना के जरिये वह सब कुछ हासिल कर लेता है, जो वास्तव में उसे मिल नहीं पाता। आप धैर्यपूर्वक उनकी यह आदत सुधारने की कोशिश करें। अगर कभी वह झूठ भी बोल रहे हों तो पहले उनकी पूरी बात सुन लें। उसके बाद ही सही बात दुहराएं। दूसरों के सामने कभी भी उनकी बात को गलत साबित करने की कोशिश न करें। उन्हें आपके इमोशनल सपोर्ट की जरूरत है। अगर आप उन्हें प्यार से समझाएंगी तो संभव है कि धीरे-धीरे उनकी इस आदत में बदलाव नजर आए। अगर इन प्रयासों के बावजूद तीन-चार महीने तक आपके पति की ऐसी आदतों में सुधार न हो तो किसी मनोवैज्ञानिक सलाहकार से संपर्क करें।

मैं 36 वर्षीया होममेकर और 2 बच्चों की मां हूं। शादी से पहले मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करती थी, लेकिन गृहस्थी की जिम्मेदारियों की वजह से मैंने नौकरी छोड दी। आज जब मैं अपनी जूनियर कलीग्स को करियर के क्षेत्र में खुद से आगे बढते देखती हूं तो मुझे अपने निर्णय पर अफसोस होता है। अब मुझे बहुत अकेलापन महसूस होता है, लेकिन परिवार की स्थितियों की वजह से दोबारा जॉब शुरू नहीं कर पा रही। आजकल मैं बेहद तनावग्रस्त हूं। डरती हूं कि कहीं मुझे डिप्रेशन न हो जाए। मुझे क्या करना चाहिए?

के. आर., मुंबई शादी के बाद जॉब छोडने वाली स्त्रियों को अकसर ऐसी समस्या का सामना करना पडता है। इसी बात का ध्यान रखते हुए आजकल कई कंपनियां स्त्रियों को पार्ट टाइम जॉब का ऑफर देती हैं। इसके अलावा फ्री लांस जॉब और वर्क फ्रॉम होम का चलन भी तेजी से बढ रहा है। इन सुविधाओं के इस्तेमाल से आप दोबारा अपनी प्रोफेशनल लाइफ की शुरुआत कर सकती हैं। अपने निर्णय को लेकर आपके मन में कोई अफसोस नहीं होना चाहिए। हर इंसान की प्राथमिकताएं दूसरे से अलग होती हैं। जॉब छोडने की बात को लेकर अपने मन में कोई हीन भावना न पनपने दें। जहां तक आपकी दूसरी कलीग्स के आगे निकल जाने का सवाल है तो जिंदगी में कोई ऐसा निश्चित मापदंड नहीं है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि दूसरा व्यक्ति हमसे ज्यादा खुश है। इसलिए दूसरों से अपनी तुलना करके दुखी होने के बजाय अपने ही भीतर खुशियां तलाशने की कोशिश करें।

मैं 24 वर्षीय कामकाजी युवती हूं। जिस लडके के साथ मेरा रिलेशनशिप था, दो साल पहले वह अमेरिका चला गया। उसने मुझसे कहा था कि लौटने के बाद हम शादी कर लेंगे। वहां जाने के बाद धीरे-धीरे उसने मेरे फोन और मेसेज के जवाब देना कम कर दिया। वहीं रहने वाले उसके कुछ दोस्तों से मालूम हुआ कि वहां वह किसी दूसरी लडकी के साथ लिव-इन में है। मैं समझ नहीं पा रही कि अब मुझे क्या करना चाहिए?

एस. एस., चंडीगढ

कई बार इंसान के जीवन में ऐसे मोड आते हैं, जब वह खुद को छला हुआ महसूस करता है। वाकई आपके साथ बहुत बुरा हुआ, लेकिन जीवन रुक जाने का नाम नहीं है। अगर कोई आपको धोखा दे चुका हो तो उसे भूल जाने में ही भलाई है। यह तो अच्छा हुआ कि शादी के पहले ही उस लडके की असलियत जाहिर हो गई और आपकी जिंदगी बर्बाद होने से बच गई। ऐसी कडवी यादों को जितनी जल्दी भूल जाएं, आपके लिए उतना ही अच्छा रहेगा। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढें। हो सकता है, जिंदगी के अगले मोड पर खुशियां आपका इंतजार कर रही हों।

मैं 58 वर्षीया होममेकर और तीन बेटों की मां हूं। हमारा संयुक्त परिवार है। छह माह पहले मेरे छोटे बेटे ने एक दक्षिण भारतीय लडकी से प्रेम विवाह किया है। मैंने खुले दिल से नई बहू को स्वीकार लिया है, लेकिन मेरी दोनों बडी बहुएं हमेशा उसकी गलतियां ढूंढ कर उसे नीचा दिखाने की कोशिश करती हैं। अगर मैं उन दोनों को समझाने की कोशिश करती हूं तो वे मुझ पर पक्षपात का आरोप लगाती हैं। इस समस्या का क्या समाधान है?

एस. जी., मेरठ

नई बहू को आपके सहयोग की जरूरत है। इसलिए जब भी वह घर का कोई कामकाज कर रही हो तो आप उसके आसपास रहने की कोशिश करें। अपनी दोनों बडी बहुओं से नई बहू की गलतियों पर चर्चा न करें। जब दोनों बहुएं यह देखेंगी कि छोटी बहू की बुराई करने में आपकी कोई दिलचस्पी नहीं है तो उनकी यह आदत अपने आप छूट जाएगी। अपनी बडी बहुओं के अच्छे गुणों की प्रशंसा करना न भूलें। नई बहू से कहें कि वह त्योहार जैसे खास अवसरों पर अपनी जेठानियों को कोई न कोई उपहार जरूर दे। उम्मीद है कि इन कोशिशों से जल्द ही आपकी बहुओं के आपसी रिश्ते में सहजता आ जाएगी।

प्रचलित धारणा : ससुराल के नए माहौल के साथ एडजस्टमेंट की जिम्मेदारी सिर्फ बहू की होती है।

एक्सपर्ट की राय : घर में जब नई बहू आती है तो परिवार के अन्य सदस्यों को भी उसके साथ तालमेल बिठाना पडता है क्योंकि यह रिश्ता बेहद नाजुक होता है। नई बहू की पसंद-नापसंद को समझने के लिए सास को थोडे वक्त की जरूरत होती है। जब नए सदस्य के रूप में बहू का आगमन होता है तो उसकी जरूरतों का ध्यान रखते हुए सास सहित परिवार की अन्य स्त्रियां अपनी दिनचर्या में बदलाव लाती हैं। कोई भी एडजस्टमेंट एकतरफा नहीं होता। अगर बहू परिवार के सदस्यों का खयाल रखती है तो ससुराल वाले भी खुले दिल से अपनाते हुए उसे भरपूर प्यार देते हैं। तभी वह नए रिश्तों के साथ सहज हो पाती है।

डॉ. जयंती दत्ता


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