उलझनें सखी की
मैं 27 वर्षीय नि:संतान तलाकशुदा स्त्री हूं। एक निजी कंपनी में जॉब करती हूं। आजकल मेरे माता-पिता मुझ पर दूसरी शादी के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन इस बार मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती। उन्हें ऐसा लग रहा है कि मेरी शादी की उम्र निकलती जा रही है। इसी वजह से वे मुझसे नाराज रहते हैं। मैं उन्हें कैसे समझाऊं?
मैं 27 वर्षीय नि:संतान तलाकशुदा स्त्री हूं। एक निजी कंपनी में जॉब करती हूं। आजकल मेरे माता-पिता मुझ पर दूसरी शादी के लिए दबाव बना रहे हैं, लेकिन इस बार मैं कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती। उन्हें ऐसा लग रहा है कि मेरी शादी की उम्र निकलती जा रही है। इसी वजह से वे मुझसे नाराज रहते हैं। मैं उन्हें कैसे समझाऊं?
पी. एल., चंडीगढ
आपका सोचना बिलकुल सही है। शादी के मामले में कभी भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। शादी का मतलब है-एडजस्टमेंट। अगर आपको कोई ऐसा लडका मिलता है, जिससे आपकी एडजस्टमेंट हो जाती है तो आप उसे स्वीकार लें। आपको यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि पुनर्विवाह में बहुत ज्यादा देर न हो, क्योंकि उम्र बढने के बाद पारिवारिक जीवन की शुरुआत में भी दिक्कत आ सकती है।
मैं 25 वर्षीय कामकाजी विवाहिता हूं। ससुराल में सास-ससुर सहित सभी रिश्तेदारों का पूरा खयाल रखती हूं, पर मेरे पति अपनी ससुराल वालों से बात करना भी पसंद नहीं करते। वहां शादी-विवाह जैसे सामाजिक समारोहों में भी मुझे अकेले ही जाना पडता है। पति के ऐसे रवैये से हमारे आपसी संबंधों में कडवाहट पैदा होने लगी है। इस समस्या का क्या समाधान है?
पी.एस., पटना
यह एक कटु सत्य है कि हमारे समाज में शादी के बाद सारी एडजस्मेंट लडकियों को ही करनी पडती है। इस मामले में आपको भी अपनी ओर से कोशिश करनी होगी। अगर आपके पति सामाजिक समारोहों में आपके साथ अपनी ससुराल नहीं जाना चाहते तो शुरुआत में आप उनसे कहें कि वहां सब लोग आपके बारे में पूछते हैं। इसलिए मैं वहां अकेली नहीं जाऊंगी। हो सकता है कि ऐसा कहने पर वह आपके साथ जाने को तैयार हो जाएं। फिर भी अगर वह जाना न चाहें तो इस बात के लिए आप जिद न करें। अपने साथ परिवार के किसी अन्य सदस्य जैसे- ननद, देवरानी या सास-ससुर को ले जाएं। वहां उनका पूरा खयाल रखें। इससे आपके मायके में यह संदेश जाएगा कि ससुराल के लोगों के साथ आपके संबंध बहुत अच्छे हैं। आप अपने मायके से निरंतर संपर्क बनाए रखें। अगर पति की वजह से आप भी वहां जाना बंद कर देंगी तो आपके माता-पिता को और ज्यादा दुख होगा। ऐसी बातों को दिल पर न लें क्योंकि इससे आपके आपसी रिश्ते में बेवजह तनाव पैदा होगा। परिवार की सुख-शांति के लिए कई बार लाइफ पार्टनर की छोटी-छोटी खामियों को नजरअंदाज करना ही पडता है। सब कुछ भूलकर पति के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं। छुट्टी वाले दिन उनके साथ किसी ऐसी जगह घूमने जाएं,जो आप दोनों को पसंद हो। इससे आपके रिश्ते में सहजता बनी रहेगी।
मैं 34 वर्षीय होममेकर हूं। सास-ससुर और दो अविवाहित ननदों की जिम्मेदारी हमारे ऊपर है। हालांकि, मेरे जेठ की आर्थिक स्थिति हमसे कहीं ज्यादा बेहतर है, पर वह हमें कोई सहयोग नहीं देते। एक ही शहर में रहते हुए भी जेठ-जेठानी उन्हें अपने पास नहीं बुलाते। मुझे सबसे ज्यादा दुख इस बात से पहुंचता है कि सास-ससुर भी हमसे नाखुश रहते हैं। मैं बेहद तनाव में जी रही हूं। मेरी यह परेशानी कैसे दूर होगी?
जी. एन., भोपाल
अपनी जिम्मेदारी निभाने से पीछे न हटें। आपका यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। सामान्य बातचीत के दौरान अपनी सास से जेठ के परिवार का जिक्र जरूर करें। उन्हें प्यार से समझाएं कि कभी-कभी उन्हें अपने बडे बेटे के पास भी जाना चाहिए। पति से कहें कि छुट्टी वाले दिन शाम के वक्त वह माता-पिता को अपने बडे भाई के घर लेकर जाएं। इससे उन्हें दोनों बेटों और बहुओं के बर्ताव का फर्क महसूस होगा। त्योहार जैसे खास अवसरों पर आप भी अपनी सास के साथ वहां जाएं। छोटा सा ही सही, पर ऐसे मौकों पर जेठ-जेठानी और बच्चों के लिए उपहार जरूर ले जाएं। ऐसी शुरुआत आपको ही करनी पडेगी। जब दोनों परिवारों के व्यवहार में सहजता आ जाए तो अपने पति से कहें कि वह इस मुद्दे पर अपने बडे भाई से खुलकर बातचीत करें और उनसे आग्रह करें किमाता-पिता की देखभाल में वह भी आपकी सहायता करें।
मैं बी.कॉम. प्रथम वर्ष की छात्रा हूं। कुछ महीने पहले एक लडके ने मुझे प्रपोज किया था। मैंने बिना सोचे-समझे हां कर दी, पर अब मुझे अपनी उस गलती पर बहुत पछतावा हो रहा है। वह बेहद मतलबी और फ्लर्ट किस्म का इंसान है। अब मैं उससे पीछा छुडाना चाहती हूं। फिर भी वह बार-बार मुझे फोन करता है। मैं बेहद तनावग्रस्त हूं। मैं इस समस्या से बाहर कैसे निकलूं?
एस.एस., दिल्ली
सबसे पहले आप अपना मोबाइल नंबर बदलें और उस लडके से दूरी बना लें। उसे साफ तौर पर आगाह कर दें कि आप उससे कोई बातचीत नहीं करना चाहतीं। अपने सभी दोस्तों को बता दें कि वह लडका आपको परेशान कर रहा है। अपने पेरेंट्स से भी इस समस्या पर बातचीत करें। हो सकता है कि आपकी इन कोशिशों से वह ऐसी हरकतें बंद कर दे। अगर फिर भी वह न माने तो पुलिस में उसकी शिकायत करें। इसमें जरा भी देर न लगाएं क्योंकि यह आपकी सुरक्षा से जुडा मामला है। इस समस्या के समाधान के बाद अपना सारा ध्यान पढाई पर केंद्रित करने की कोशिश करें।
प्रचलित धारणा : दांपत्य जीवन को खुशनुमा बनाने के लिए एक-दूसरे को उपहार देना चाहिए।
एक्सपर्ट की राय : यह सच है कि उपहार पाकर सभी को खुशी होती है, पर दांपत्य जीवन के मामले में हमेशा ऐसा नहीं होता। गिफ्ट से पार्टनर को क्षणिक खुशी जरूर मिलती है, पर दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए एक-दूसरे की भावनाओं को समझना ज्यादा अहमियत रखता है। यह जरूरी नहीं है कि गिफ्ट हमेशा वस्तु के रूप में ही दिया जाए। लोगों को पार्टनर का केयरिंग व्यवहार बहुत भाता है। इसलिए अगर कोई पति या पत्नी अपने जीवनसाथी की पसंद और रुचियों के अनुकूल व्यवहार करे या उसकी परेशानियां दूर करने की कोशिश करे तो इससे उनके रिश्ते में सहजता और मधुरता बनी रहेगी।
डॉ.जयंती दत्ता