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ईमानदारी से बढ़कर कुछ भी नहीं

ऐक्टर अक्षय ओबेरॉय ने थिएटर से करियर शुरू कर बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है। किसी और क्षेत्र में दिलचस्पी न लेकर फिलहाल उनका पूरा ध्यान अभिनय की दुनिया पर ही केंद्रित है।

By Edited By: Published: Fri, 19 Aug 2016 01:46 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2016 01:46 PM (IST)
ईमानदारी से बढ़कर कुछ भी नहीं
इसी लाइफ में', 'पिज्जा' , 'फितूर', 'पीकू' और 'लाल रंग' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड चुके हाजिरजवाब अक्षय से एक मुलाकात। 1. आपको किन बातों से गुस्सा आता है? मुझे गद्दारों पर बहुत ज्यादा गुस्सा आता है। 2.किस दौर का सिनेमा पसंद है? मुझे 60 और 70 के दशक की फिल्मों के गाने और डायलॉग बेहद पसंद हैं। 3.फेवरिट एप -जोमैटो टूरिस्ट स्पॉट-एम्सटर्डम शॉपिंग डेस्टीनेशन-अमेरिका स्पोर्ट-बास्केटबॉल फूड-इटैलियन 4.आपका स्टाइल आइकॉन कौन है? इमरान खान 5. सेल्फी का इतना क्रेज है। किस सलेब्रिटी के साथ सेल्फी लेना चाहेंगे? बच्चन साहब के साथ। 6.आपका सपोर्ट सिस्टम..? मेरा परिवार ही मेरा सपोर्ट सिस्टम है। 7.ग्लैमर वर्ल्ड में आपकी यात्रा कैसी रही? इस मुकाम तक पहुंचना मेरे लिए वाकई में बहुत कठिन रहा है। मैं ऐक्टिंग को एक क्राफ्ट की तरह सीखना चाहता हूं। अभी मुझे उसमें बहुत परफेक्शन लाना है। 8.किस मूवी के रीमेक में काम करना चाहेंगे ? त्रिशूल 9..अगर आपको कोई टॉक शो होस्ट करना हो तो पहला गेस्ट कौन होगा? मेरे चीफ गेस्ट तो बच्चन साहब ही होंगे। उनके अलावा जॉनी डेप को इनवाइट करना चाहूंगा। मैं उनका माइंड पढकर उनका फिल्म सिलेक्शन का क्राइटेरिया जानना चाहता हूं। 10.आपने अपनी वाइफ ज्योति को पहला गिफ्ट क्या दिया था? मैं खुद ही एक गिफ्ट हूं... वैसे उनके लिए मेरा पहला गिफ्ट नेकलेस और पेंडेंट था। 11.आपकी खास क्वॉलिटी? आजकल लोगों में धैर्य की कमी होती है। मेरे अंदर जरूरत से ज्यादा धैर्य है। 12.अगर आप सेंसर बोर्ड के सदस्य होते तो मूवीज किस हिसाब से सिलेक्ट करते? आज की ऑडियंस से कुछ भी छुपाना आसान नहीं है। जितना छुपाया जाएगा, लोग उतना ही गलत तरीकों से कटे हुए सीन्स और बैन फिल्में देखेंगे। जो बहुत आपत्तिजनक हो, उसे हटा देना चाहिए पर हर सीन पर कैंची चलाने का कोई मतलब नहीं है। 13.अगर नाम बदलने का मौका मिले? मुझे अपना फिल्मी नाम बहुत पसंद है। मैं उसे कभी बदलना नहीं चाहूंगा। 14.मुंबई में क्या सुधार देखना चाहते हैं? यहां की सडकें सुधर जाएं तो आधी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। दीपाली पोरवाल

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