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कामयाबी के 11 कारगर मंत्र

हम सब सफलता की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग गलत योजनाओं के कारण इसमें पीछे रह जाते हैं। सखी बता रही है कुछ ऐसे तरीके जिससे आपको सही योजना बनाने में आसानी होगी और कामयाबी होगी आपके कदमों में।

By Edited By: Published: Wed, 28 Dec 2016 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 28 Dec 2016 04:38 PM (IST)
कामयाबी के 11 कारगर मंत्र
किसी भी काम की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसके प्रति हम कितने गंभीर हैं, उस काम को किस नजरिये से देखते हैं। यही बात हमारी सफलता और असफलता का कारण बनती है। इसी तरह अच्छे करियर के लिए भी जरूरी है कि शुरुआती दौर में ही हम अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें। अगर आपकी सोच नेगेटिव है या आप हर मुद्दे में नेगेटिव पॉइंट्स ढूंढ निकालते हैं तो यहां दिए गए कुछ टिप्स आपकी सोच को पॉजिटिव बनाने में मददगार होंगे। कुछ बातों का ध्यान रखें तो सफलता की ओर कदम बढाए जा सकते हैं। कंफर्ट जोन से निकलें बाहर वर्कप्लेस या घर पर खुद को ऐक्टिव रखना शुरू करें और हमेशा नई चीजें सीखने को तैयार रहें। किसी छात्र की तरह उत्साहित रहें और हर नई चीज को जानने के लिए आगे बढें। इससे आप सार्थक बदलाव लाने में समर्थ हो सकेंगेे। यह तभी संभव हो सकेगा, जब आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलेंगे। खुद को चुनौती दें और उसे पूरा करने की कोशिश करें, यानी वह कार्य जरूर करें, जिससे भय लगता हो। ऐसा करने पर आप अपनी सोच को विस्तार दे सकते हैं। अपडेट करें लिस्ट एक लिस्ट तैयार करें और उसे अमल में लाएं। टारगेट फिक्स करने के बाद अपना सही आकलन करना जरूरी है। आप अपने सुबह, दोपहर, शाम के हर काम पर नजर रखें। हो सके तो सार्थक बदलावों को महसूस करते हुए उसे लिखने की कोशिश करें और इसके लिए समय सीमा का भी निर्धारण करें। विजन है जरूरी खुद में सार्थक बदलाव लाने के लिए अपने विजन को क्लियर रखना आवश्यक है। आपके भविष्य के बारे में आपसे बेहतर कोई और नहीं सोच सकता है। वर्कप्लेस पर कहां और कितने सुधार की जरूरत है, यह समझना मुश्किल है। इसलिए बिना समय गंवाए अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करें। इसमें आप अपने बॉस, मार्गदर्शक या किसी सीनियर की मदद भी ले सकते हैं। आलोचनाओं से घबराने के बजाय उनसे सीखते हुए आगे बढें। सोशल हो जाएं सोशल मीडिया पर खुद को मजबूती के साथ पेश करने की जरूरत है। आज के दौर में प्लेसमेंट के दौरान इसकी भूमिका काफी अहम हो गई है। सोशल रिलेशंस को भी इसके माध्यम से आसानी से डेवलप किया जा सकता है। सोशल मीडिया में अपने प्रोफाइल पर कुछ भी ऐसा पोस्ट करने से बचें, जिससे भावी एंप्लॉयर के सामने आपकी छवि बिगडऩे की आशंका हो। इसमें कोई भी पोस्ट डालते हुए संतुलित रहें और मर्यादा का ध्यान रखें। झूठ न बोलें सच को स्वीकारना खुद में बडी बात है। इसके लिए स्वयं को वास्तविकता से जोडकर देखें। ध्यान रखें कि झूठ का सहारा थोडी देर के लिए ही कोई फायदा दे सकता है, इसके दूरगामी परिणाम कभी सही नहीं होते। बेहतर रहेगा कि सच का साथ दें। अपने अंदर आप जितनी जल्दी सार्थक बदलाव लाएंगे, सफलता के उतने ही करीब पहुंच सकेंगे। खुद के प्रति बनें ईमानदार आप जो भी काम कर रहे हैं, उसे पूरी दृढता के साथ करें। यह दूसरों के लिए नहीं, अपने लिए ही जरूरी है। इसके साथ आप अपनी प्रतिभा और योग्यता पर विश्वास रखें ताकि हर बाधा को पार कर सकें। बेहतर होगा कि एक प्लैन बनाकर चलें और उसे फॉलो करने की कोशिश करें। स्वयं के प्रति ईमानदार रहें। अपने भीतर छिपी संभावनाओं को तलाशें, साथ ही अपनी सीमाओं का भी स मान करें। अपने जीवन के हर सकारात्मक-नकारात्मक पहलू पर पूरी तरह से सोच-विचार करें। बॉडी लैंग्वेज बॉडी लैंग्वेज आपके बारे में उससे ज्यादा जता देती है, जितना कि आप शब्दों के माध्यम से कहना चाहते हैं। आप कैसे बैठते हैं, कैसे बोलते हैं, कैसे हाथ मिलाते हैं, अभिवादन करते हैं, किस तरह बातचीत के दौरान दूसरों से नजरें मिलाते हैं आदि एटिकेट्स आपके व्यक्तित्व का हिस्सा हैं। व्यक्तित्व को आकर्षक बनाने के लिए बेहद जरूरी है कि अपनी बॉडी लैंग्वेज और एटिकेट्स पर पूरा ध्यान दिया जाए। इससे लोगों पर अच्छा इंप्रेशन बनता है। मुस्कुराएं हमेशा यह बात हमेशा याद रखें कि हर कोई अपने आसपास हंसते-मुस्कुराते और सकारात्मक लोगों को ही पसंद करता है। जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया किसी की भी पर्सनैलिटी को पूरी तरह से बदल सकता है। आकलन करें असफलता मिलने से कभी भी हताश या निराश नहीं होना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा पॉजिटिव एटिट्यूड बनाए रखना चाहिए। आई कैन डू इट वाला भाव मन में हमेशा रहना चाहिए। इसके लिए काम के दौरान सेल्फ एनालिसिस करना बहुत जरूरी होता है। एक अध्ययन के दौरान डार्विन पी. किन्सले ने कहा है कि यह सोचने के बजाय कि आप क्या खो रहे हैं, यह सोचने का प्रयास करें कि आपके पास ऐसा क्या है, जो बाकी सभी लोग खो रहे हैं क्योंकि एक बार जब आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदल देंगे तो आपको बेहतर नतीजे मिलने शुरू हो जाएंगे। खाली न बैठें हीन भावना और नकारात्मक विचार हमारे दिमाग में तब आते हैं, जब हमारे पास करने के लिए कुछ नहीं होता। इसलिए हमेशा कुछ न कुछ करते रहें, खुद को अच्छे कार्यों में व्यस्त रखें। अगर आपके पास करने के लिए कुछ न हो तो आगे की प्लैनिंग करें या फिर जरूरतमंदों की मदद करें। ये सब चीजें आपके अंदर अच्छी सोच को विकसित करेंगी। विश्वास रखें स्वयं पर विश्वास और काम के प्रति ईमानदारी जरूरी है। अगर अपनी सफलता पर विश्वास है तो फिर अपने लक्ष्य की ओर पूरे जोश व उत्साह के साथ आगे बढें। अपने काम को बखूबी अंजाम दें। सकारात्मक सोच से राहें आसान हो जाएंगी, साथ ही आप अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में कामयाब भी होंगे। गीतांजलि

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