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फॉरेस्ट मैनेजमेंट

अगर बचपन से बागवानी करना पसंद है तो फॉरेस्ट मैनेजमेंट का फील्ड आपके लिए अच्छा करियर ऑप्शन बन सकता है। इस क्षेत्र में आने के लिए किन योग्यताओं का होना ज़रूरी है, जानें।

By Edited By: Published: Fri, 11 Nov 2016 12:02 PM (IST)Updated: Fri, 11 Nov 2016 12:02 PM (IST)
फॉरेस्ट मैनेजमेंट
अगर आपको पेड-पौधों और वन संपदा से लगाव है तो वन प्रबंधन में करियर की ढेरों संभावनाएं मौजूद हैं। आजकल ग्लोबल वॉर्मिंग और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर लगातार बहस जारी है। मौजूदा समय में नेचर और प्राकृतिक संसाधनों के अध्ययन का महत्व बहुत बढ गया है। यही कारण है कि पूरी दुनिया के पर्यावरणविद फॉरेस्ट कंजर्वेशन और प्लांटेशन को लेकर चिंतित हैं इसलिए फॉरेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में लगातार प्रोफेशनल्स की मांग बढती जा रही है। इस नजर से फॉरेस्ट मैनेजमेंट बेस्ट करियर ऑप्शन बन सकता है। करियर की संभावनाएं इस कोर्स को करने के बाद ऑफिस, लेबोरेट्री या फील्ड में काम करने के अवसर मिल सकते हैं। इन सभी जगहों पर असिस्टेंट कंजर्वेटर के पद पर काम किया जा सकता है। हर फील्ड की तरह इसमें भी योग्यता के आधार पर चीफ कंजर्वेटर, इंस्पेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट और प्रिंसिपल कंजर्वेटर तक बन सकते हैं। साथ ही इसमें रिसर्च भी की जा सकती है। इसके अलावा पेपर और लॉगिंग इंडस्ट्री में अच्छे अवसर मिल सकेंगे। फॉरेस्टर : इस पद पर कार्य करने वालों को जंगलों की सुरक्षा के साथ-साथ नए जंगलों का निर्माण करना होता है। साथ ही वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन के अलावा लैंड स्केप मैनेजमेंट कर लें तो यहां भी कई मौके मिलेंगे। डेंड्रोलॉजिस्ट : इसके प्रोफेशनल्स ट्री और वुड प्लांट्स के स्पेशलिस्ट होते हैं। इनके काम के तहत इतिहास, जीवनकाल पर अनुसंधान, ट्री मैपिंग, ग्रेडिंग और क्लासिफिकेशन जंगलों के विनाश को रोकने के उपायों का अध्ययन शामिल होता है। एक डेंड्रोलॉजिस्ट बडी ही बारीकी से इन कामों को हैंडल करता है। सिल्विकल्चरिस्ट : यह भी वन प्रबंधन का ही एक हिस्सा है। इसमें अत्यधिक कटाई वाले वन क्षेत्र में पौधारोपण यानी प्लांटेशन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाता है। फॉरेस्ट ऑफिसर : ऑफिसर द्वारा फॉरेस्ट, बॉटनिकल गार्डन आदि की देखभाल और सुरक्षा की जाती है। एक फॉरेस्ट ऑफिसर इन सभी कामों को रेंजर, कंजर्वेटर, लॉगर और जूनियर स्टाफ की मदद से पूरा करता है। इथोलॉजिस्ट : इनका कार्य किसी भी जीव के प्राकृतिक परिवेश में डेवलपमेंट, बिहेवियर और बायोलॉजिकल ऐक्टिविटीज का अध्ययन करना होता है। इथोलॉजिस्ट के कामों के तहत जू और लेबोरेट्री के जानवरों के लिए एक अच्छा वातावरण तैयार करना होता है। फॉरेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित कोर्स करने के लिए आपको साइंस (बायोलॉजी या एग्रीकल्चर गु्रप) सब्जेक्ट्स के साथ 12वीं पास होना जरूरी है। 12वीं के बाद फॉरेस्ट्री या फॉरेस्ट मैनेजमेंट में 3 वर्षीय डिग्री (बीएससी) की जा सकती है। 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीएससी के बाद फॉरेस्ट मैनेजमेंट, कमर्शियल फॉरेस्ट्री, फॉरेस्ट इकोनॉमिक्स, वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाइल्ड लाइफ साइंस आदि डिसिप्लिन में एमएससी कर सकते हैं। आप चाहें तो बीएससी के बाद फॉरेस्ट मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा भी कर सकते हैं। एमएससी के बाद इसमें पीएचडी भी कर सकते हैं। यहां से करें कोर्स इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून जवाहरलाल नेहरू एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, जबलपुर डॉ. बालासाहेब सावंत कोंकण कृषि विद्यापीठ, महाराष्ट्र सखी फीचर्स

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