अच्छे मूड के लिए सुपर फूड
हम जो भी खाते हैं उसका सीधा संबंध हमारे मूड से होता है। शोध बताते हैं कि भोजन हमारे मूड को अच्छा और खराब कर सकता है। आहार में किए जाने वाले कुछ खास बदलाव हमारे मस्तिष्क में रासायनिक और भौतिक बदलाव ला सकते हैं, जिसका प्रभाव हमारे व्यवहार और भावनाओं पर पड़ता है। यहां न्यूट्रिशनिस्ट संदीप बता रहे हैं कि ऐसे कौन से फूड हैं, जो आपके मूड को अच्छा बना सकते हैं।
मध्ययुगीन काल में लोग बेल, खजूर और एल्डर बेरीज का उपयोग अपने मूड को अच्छा बनाने के लिए करते थे। यह आयरन, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो सेरोटोनिन स्तर को बढा देते हैं और इस तरह व्यक्ति बेहतर और ताजगी से भरा महसूस करने लगता है। हमारे खानपान की आदतें हमारे मूड को नियंत्रित करती हैं। अगर हमारा आहार नियमित और संतुलित नहीं है तो इसका प्रभाव मूड पर विपरीत पडेगा और व्यवहार में अनावश्यक चिडचिडाहट और क्रोध झलकेगा।
मूड कैसे होता है प्रभावित
शोध से यह पता चला है कि कुछ खास किस्म के भोजन का हमारे मस्तिष्क के न्यूरोट्रांस्मीटर सिस्टम पर सीधा असर पडता है। ये पदार्थ अस्थायी रूप से मूड पर जबर्दस्त प्रभाव डालते हैं। नियमित अंतराल पर संतुलित आहार लेने से दिन भर आपका मूड सकारात्मक बना रहता है। इसके लिए आपके भोजन में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स, ओमेगा 3 फैटी एसिड, लीन प्रोटीन, फाइबर और सही मात्रा में माइक्रो न्यूट्रिएंट्स को शामिल करना जरूरी है। डाइट में किए जाने वाले परिवर्तन मस्तिष्क में केमिकल परिवर्तन लाते हैं, जिससे आपका व्यवहार प्रभावित होता है। भोजन में मौजूद एक नॉन एसेंशियल अमीनो एसिड ट्रिप्टोफेन सेरेटोनिन को संतुलित रखता है जिससे आपका मूड काबू में रहता है। मूड को सकारात्मक बनाए रखने के लिए यहां दिए गए फूड को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं-
सनफ्लॉवर और कद्दू के बीज : इन बीजों में पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड और कुछ ऐसे जरूरी तत्व होते हैं जो डिप्रेशन को कम करते हैं। ये वजन को भी नियंत्रित रखने में मददगार होते हैं।
पालक : यह मैग्नीशियम और फोलिक एसिड का बेहतरीन स्रोत है। ये दोनों ही मूड को अच्छा बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनकी कमी चिंता और तनाव का कारण बन सकती है।
दूध/दही : गर्मी के दिनों में एक ग्लास ठंडा दूध या लस्सी से अच्छा विकल्प कोई दूसरा नहीं है। दूध/दही में कैल्शियम और ट्रिप्टोफेन होते हैं। कैल्शियम जहां तनाव और चिंता को दूर करता है वहीं ट्रिप्टोफेन सेरोटोनिन के निर्माण में मददगार है, जो कि आपके मूड में अचानक सकारात्मक बदलाव लाता है। शोध बताते हैं कि एग्जैम के दिनों में एक ग्लास दूध से ज्यादा फायदेमंद कुछ नहीं हो सकता। यह घबराहट (नर्वसनेस), चिंता और थकान के लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है।
ओटमील : यह सॉल्युबल फाइबर का अच्छा स्रोत है। यह चिडचिडेपन को शांत करता है और पेट को भरा रखता है। यह शरीर को ऊर्जा से भर देने का एक बेहतरीन ऑप्शन है। इसीलिए न्यूट्रिशनिस्ट इसे ब्रेकफस्ट में लेने की हिदायत देते हैं। दरअसल एक कटोरी ओटमील आपके दिन की अच्छी शुरुआत के लिए पर्याप्त है।
डार्क चॉकलेट : उम्र कोई भी हो, चॉकलेट के नाम भर से ही चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है। यह बात सच साबित हो चुकी है कि चॉकलेट मूड को अच्छा बनाने में काफी मदद करती है। डार्क चॉकलेट में फिनाइल एथिल एमीन होता है, जो मस्तिष्क को सेरोटोनिन के उत्पादन के लिए बढावा देता है। अगर यह कहा जाए कि डार्क चॉकलेट आपके मूड के लिए सुपर फूड है तो गलत न होगा।
ब्ल्यूबेरीज : इनमें कैलरी की मात्रा बहुत कम और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है। इनमें कुछ ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो तनाव को दूर भगाते हैं और मूड में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।
सखी प्रतिनिधि