अच्छी सेहत के लिए चुनें सही तेल
लोग ऑलिव ऑयल को अब तक का बेस्ट तेल मानते रहे हैं। लेकिन हाल में हुए शोध के मुताबिक खाने में ऐसे खाद्य तेल का इस्तेमाल करना बेहतर होगा जिसमें पॉली अनसैचुरेटेह फैटी एसिड (प्यूफा) की मात्रा अधिक हो। प्यूफा में ऐसे सभी जरूरी फैटी एसिड होते हैं, जो शरीर में चर्बी जमा नहीं होने देते। यहां डाइटीटिशयन डॉ. अंजलि मुखर्जी बता रही हैं कि सेहत के लिहाज से कौन सा तेल है बेस्ट।
भारतीय किचन तेल के बिना अधूरा है। यहां कोई भी खाना बिना तेल के बनना अकल्पनीय है। हालांकि आज हेल्थ कॉन्शियस लोग बाजार में उपलब्ध अलग-अलग रिफाइंड ऑयल और सरसों के तेल को प्राथमिकता दे रहे हैं। दरअसल यूं तो यह सारे तेल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने का ही दावा करते हैं, पर इनके इस्तेमाल से बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ गुड कोलेस्ट्रॉल भी नष्ट होता जाता है। ऐसे में आपको जरूरत है एक ऐसे तेल की जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो, जिसे पकाने पर उसके पोषक तत्व भी नष्ट न हो और वह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित रखे। तो आइए सखी के साथ जानते हैं, अच्छी सेहत के लिए आप कौन सा तेल चुनें।
सरसों का तेल
बरसों से इस तेल का इस्तेमाल किचन में प्रमुख रहा है। मैक्स और सर गंगा राम अस्पताल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरसों के तेल में म्यूफा और प्यूफा की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसमें ओमेगा 6 और आमेगा 3 सही अनुपात में मौजूद होता है। लेकिन तेल का अधिक इस्तेमाल सेहत के लिए ठीक नहीं है, इसे रोज 2.5 चम्मच से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
राइस ब्रान ऑयल
इसका प्रयोग उच्च ताप पर भोजन पकाने के लिए आसानी से किया जा सकता है। इसके गुणों के कारण बहुत से एशियाई देशों में इसका प्रयोग कुकिंग ऑयल के तौर पर किया जाने लगा है। राइस ब्रान ऑयल में अन्य तेलों की अपेक्षा सबसे अधिक संतुलित फैट एसिड कंपोजिशन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी कुछ मात्रा और एंटीऑक्सीडेंट जैसे ओरजानोल, टोकोट्रिनॉल और स्क्वैलीन की पर्याप्त मात्रा होती है। इसका इस्तेमाल तलने, हल्का तलने, सैलेड की ड्रेसिंग, बेकिंग, डिपिंग और ग्रिल के रूप में आसानी से किया जा सकता है। 200 सेंटीग्रेड ताप पर भी गर्म करने के बाद इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट नष्ट नहीं होते। प्रति 1 ग्राम राइस ब्रान तेल में लगभग 9 कैलरी होती है।
कनोला तेल
इसमें सैचुरेटेड फैट का स्तर भी न्यूनतम होता है। इसमें आप खाना नहीं पका सकतीं, लेकिन सैलेड के लिए यह बेहतरीन तेल है। यह रिफाइंड ऑयल होता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा कम होती है।
ऑलिव ऑयल
इसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड होते हैं। यह म्यूफा और प्यूफा का भी अच्छा स्रोत है। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढता है। लेकिन इसका इस्तेमाल सैलेड की सिजनिंग के लिए करना अधिक बेहतर होगा। राइस ब्रान और सरसों के तेल की तुलना में इसमें स्मोकिंग प्वाइंट कम होता है। यानी यह डीप फ्राई और तेज आंच पर पकाने के बाद इसमें मौजूद जरूरी तत्व कम हो जाते हैं।
अलसी का तेल
इसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका इस्तेमाल खाना बनाने में नहीं, बल्कि सैलेड में डाला जाता है।
ध्यान दें : आज बाजार में कई तरह के तेल मौजूद हैं और उन्हें लेकर कई वादे भी किए जात हैैं। लेकिन बेहतर यह है कि उसी तेल का इस्तेमाल करें जिसमें हाई स्मोकिंग प्वाइंट और प्यूफा और म्यूफा का बराबर संतुलन हो। साथ ही उसमें एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा हो। सेहत के लिहाज से ऐसा तेल बेहतर होगा जिसमें 33 प्रतिशत सैचुरेटेड एसिड फैट (एसएफए), 33 प्रतिशत मोनो अनसैचुरेटेड एसिड फैट (म्यूफा) और 33 प्रतिशत पॉलीअनसैचुरेटेड फैट हो।
सखी प्रतिनिधि