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10 टिप्स स्वाद व सेहत बढ़ाने के

ऐसा क्यों होता है कि जो स्वाद जीभ को भाता है, वह सेहत को नहीं? मीठे, नमकीन और ऑयली फूड अकसर लोगों को पसंद आते हैं, मगर ये सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। 10 टिप्स इनसे दूर रहने और अपने भोजन को स्वादिष्ट बनाने के। ल्दी फूड आधुनिक लाइफस्टाइल की सबसे बड़ी जरूरत और चुनौती है। यही वजह है जो बड़ी-बड़ी फूड कंपनियां डाइट को हेल्दी बनाने की कोशिशों में जुटी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, फूड कंपनियां हेल्दी फ्लेवर के लिए विश्व के मशहूर शेफ्स की सेवाएं ले रही हैं। इसका कारण है, सेहत को लेकर लोगों की बढ़ती जागरूकता और चिंता। बड़े होटल्स और रेस्तरां भी अपने मेन्यू के हेल्दी मेकओवर में जुटे हैं।

By Edited By: Published: Tue, 01 Jul 2014 07:14 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jul 2014 07:14 PM (IST)
10 टिप्स स्वाद व सेहत बढ़ाने के

घर में बने ताजे भोजन का मुकाबला किसी प्रोसेस्ड या फास्ट फूड से नहीं किया जा सकता। चटपटे पदार्थो के प्रति क्रेविंग शरीर को नहीं, जीभ को होती है। इसलिए टेस्ट बड्स को मोहलत दें कि वे स्वाद की असलियत पहचान सकें। क्रेविंग की बात चलते ही अमूमन लोगों के दिमाग में मीठे, नमकीन या फैट से भरे जंक फूड्स आने लगते हैं। चाशनी में डूबी जलेबियां, मसालों में लिपटे चिप्स, तेल में डूबे समोसे मुंह में पानी लाते हैं। मगर जो खाना जीभ को इतना पसंद आता है, उसे सेहत नकार देती है। शुगर, फैट और सॉल्ट की अधिकता सेहत पर भारी पडती है, फिर भी लोग इनका मोह खत्म नहीं कर पाते। सखी दे रही है 10 टिप्स, जो हानिकारक चीजों से दूर रहने को प्रेरित करते हैं-

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1. सब्जियों की नैचरल मिठास को बनाए रखने के लिए उन्हें सॉते या रोस्ट करें। इससे शरीर की मीठे की जरूरत पूरी हो सकेगी।

2. ह‌र्ब्स के साथ प्रयोग करें। पार्सले, बेसिल, डिल या ओरेगैनो भोजन को फ्लेवर देते हैं, साथ ही फाइटोन्यूट्रिएंट्स के अच्छे स्रोत हैं।

3. क्या जरूरी है कि सब्जी में घी ऊपर तैरता नजर आए! फैट के लिए एवोकैडो, कोकोनट मिल्क, मेयोनीज या रोस्टेड गार्लिक जैसी चीजों का प्रयोग करें। ये भोजन को क्रीमी टेक्सचर दे सकते हैं।

4. ड्राइड मशरूम, टमाटर का पेस्ट, सिरका, प्लम पेस्ट का प्रयोग खाने को टेस्टी बना सकता है। सूप, स्टिर-फ्राई या स्ट्यू में ये फ्लेवर डाल कर देखें! खाने को टेस्टी बनाने के लिए ब्राउनिंग, टोस्टिंग, पोचिंग, रोस्टिंग, स्लो-कुकिंग भी बेहतर विकल्प है।

5. स्पाइसी चाहिए? लौंग, इलायची, जायफल, दालचीनी, अदरक, काली मिर्च में खाने को मसालेदार व स्वादिष्ट बनाने की खूबी है। ये मसाले टेस्ट बड्स को संतुष्ट करते हैं और सेहत के लिए फायदेमंद हैं। शोध बताते हैं कि स्वादिष्ट भोजन की थोडी सी मात्रा तृप्त कर देती है। मसालों से घर में बना खाना इंद्रियों को तृप्त करता है, जबकि बाहर का फास्ट या जंक फूड क्रेविंग को बढा देता है।

6. स्थानीय और मौसमी फल व सब्जियों को डाइट में शामिल करें। आयातित फलों-सब्जियों की पौष्टिकता घर की डायनिंग टेबल तक आते-आते आधी रह जाती है।

7. किचन में ह‌र्ब्स और मेकअप में लिपस्टिक का एक जैसा महत्व है। कोकोनट बटर लाजवाब है तो नीबू का प्रयोग भोजन को जबर्दस्त ताजगी व फ्लेवर दे सकता है। किचनगार्डन में करी पत्ता, नीबू, मिर्च, पुदीना या धनिया पत्ती लगाएं। इन्हें गमलों में भी लगाया जा सकता है।

8. शरीर के हाइड्रेट रखें। सलाइवा खाने के स्वाद को दिमाग तक पहुंचाता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। डिहाइड्रेशन से पर्याप्त सलाइवा नहीं बनता और स्वाद नहीं मिल पाता।

9. भोजन में पौष्टिक गुणों की कमी भी स्वाद को प्रभावित करती है। विटमिंस एवं मिनरल्स की कमी से सूंघने व स्वाद लेने की क्षमता कम होती है। ज्यादातर अमेरिकी लोगों की डाइट में पौष्टिक तत्वों की कमी होती है, मगर एक चीज है, जो उनके स्वाद को कम नहीं होने देती, वह है- जिंक। इससे वे भोजन का आनंद लेने में सक्षम रहते हैं। डाइट में सूरजमुखी के बीज, लैंटिल्स जैसी चीजें शामिल करें।

10. क्या आप कोई दवा लेते हैं? यदि हां तो ज्यादातर दवाएं सूंघने व स्वाद लेने की प्रक्रिया को बाधित करती हैं। कई बार इनके कारण जीभ पर कसैला सा स्वाद आने लगता है। स्वाद चाहते हैं तो खाने में पौष्टिकता बढाएं। दवाएं कम होंगी तो भोजन का स्वाद ले सकेंगे।

इंदिरा


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