समय से पहले संभल जाए
डायबिटीज एक साइलेंट किलर है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि समय पर जांच कराएं और इसकी रोकथाम के उपायों का पालन करें।
By Edited By: Published: Mon, 08 Aug 2016 01:56 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2016 01:56 PM (IST)
मधुमेह यानी डायबिटीज एक बहुत खतरनाक बीमारी है। आज भारत में 4.5 करोड लोग डायबिटीज के शिकार हैं। इसका मुख्य कारण है असंयमित खानपान, मानसिक तनाव, मोटापा, व्यायाम की कमी। इस बीमारी में पैंक्रीयास में बनने वाले बीटा सेल्स का स्तर गिरने लगता है। शुगर के मरीजों में यह हर वर्ष पांच प्रतिशत तक घटता है। हर दो में से एक व्यक्ति को पता ही नहीं होता कि वह डायबिटिक है। पता लगने तक बीटा सेल्स 50 प्रतिशत तक नष्ट हो जाती हैं। मधुमेह के कारण पैदा होने वाली समस्याओं की रोकथाम के लिए नियमित रूप से कोशिश करनी पडती है। ये कोई ऐसी समस्या नहीं है कि कुछ दिन दवाई लेकर इससे निजात पाई जा सके। इस बीमारी को कुछ खास कोशिशें करके नियंत्रण में रखा जा सकता है। अगर आप मीठा खाने के ज्य़ादा शौकीन हैं और डायबिटीज के नुकसान से भी बचे रहना चाहते हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। बाहर संभल कर खाएं सबसे ज्य़ादा शुगर बाहर से खाने-पीने वाली चीजों के जरिये कंज्यूम की जाती है। ऐसे में थोडे सी सतर्कता बरतकर डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। आपको बस इतना ध्यान रखना है कि बाहर खाना जरूरी हो तो ज्य़ादा ऑयली फूड न लें। मीठे में शुगर फ्री चीजों का इस्तेमाल करें। फ्रूट चाट या हेल्दी ऑप्शन मिल सके तो उसे ही खाने में इस्तेमाल करें। थोडे-थोडे अंतराल में खाएं डायबिटीज के मरीजों को हर 2 घंटे में कुछ न कुछ खाना चाहिए। नाश्ता, लंच और डिनर के अलावा दोपहर और शाम में स्नैक्स भी लेने चाहिए। तीन घंटे से ज्य़ादा बिना खाए नहीं रहना चाहिए। इससे लो ब्लड शुगर की दिक्कत हो सकती है। फास्टिंग से बचें डाइट से शुगर कम करने के लिए फास्टिंग से तौबा कर लें। एक पुरुष को दिन में 2500 कैलरी जबकि महिला को कम से कम 2000 कैलरी लेनी चाहिए। हालांकि डाइट में शुगर और कार्बोहाइड्रेट जैसे पदार्थों को लेने से बचें। लो या हाई ब्लड शुगर ही शरीर में इंसुलिन के स्राव पर असर डालता है। इसके अलावा स्ट्रेस हॉर्मोंस जैसे एड्रिनलिन और कोलेस्ट्रॉल भी इसी से नियंत्रित होते हैं। कॉफी और चाय कम करें चाय या कॉफी पीने से शरीर में कुछ कोर्टिसोल और एड्रिनलिन हॉर्मोंस का स्राव होता है, जिससे इंसुलिन का स्राव प्रभावित होता है। चाय या कॉफी ज्य़ादा शुगर कंज्यूम करने की आदत को भी बढावा देती है। डाइट में प्रोटीन शामिल करें शरीर में पहुंचने के बाद कार्बोहाइड्रेट ही टूटकर शुगर में तब्दील हो जाता है लेकिन आप जितना प्रोटीन का इस्तेमाल करेंगे, वह कार्बोहाइड्रेट के शुगर में तब्दील होने की प्रक्रिया को उतना ही धीमा और नियंत्रित कर देगा। इसके लिए जरूरी है कि डाइट में प्रोटीन की मात्रा को बढाया जाए। रेड मीट न खाएं रेड मीट यानी लाल मांस में फोलिफेनोल्सपाया जाता है, जोकि ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढा देता है। रेड मीट मेटाबॉलिज्म को धीमा करता है, जिसकी वजह से इंसुलिन के बहाव पर असर पडता है। कंफर्ट डाइट से बचें आप जब भी तनाव में होते हैं, मन कुछ मीठा खाने का करता है। तनाव के वक्त मीठे को कंफर्ट फूड कहा जाता है, क्योंकि मीठा खाने से राहत महसूस होती है। लोग सिर्फ स्ट्रेस में नहीं, बोर होने, अकेले होने, दुखी होने और गुस्सा होने पर भी कंफर्ट ईटिंग करते हैं। बस आपको इतना करना है कि इसका दूसरा रास्ता निकालें और मीठा खाने की जगह किसी दूसरी ऐक्टिविटी में खुद को व्यस्त कर लें। व्यायाम यह तो सभी जानते हैं कि उचित व्यायाम अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है लेकिन खासतौर पर डायबिटीज की समस्या में व्यायाम करना बहुत लाभकारी होता है। अध्ययन बताते हैं कि रोज एक्सरसाइज करने से हमारा मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है और डायबिटीज के जोखिम को कम करता है। इसलिए डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। संगीता सिंह (डॉ. अनिल लूथरा, डायरेक्टर, एंड्रोक्राइनोलॉजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल से बातचीत पर आधारित)
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