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खेल-खेल में सीखें योग

बच्चे हमेशा ऐक्टिव दिखते हैं मगर अंदरूनी तौर पर भी वे चुस्त-दुरुस्त रहें, इसके लिए उनका शारीरिक रूप से फिट रहना जरूरी है। कम उम्र से ही उनमें योग की आदत डाल दी जाए तो वे स्वस्थ और अनुशासित रहेंगे।

By Edited By: Published: Tue, 15 Nov 2016 11:54 AM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2016 11:54 AM (IST)
खेल-खेल में सीखें योग
हर अभिभावक का सपना होता है कि उसका बच्चा शारीरिक-मानसिक रूप से स्वस्थ रहे। व्यस्त दिनचर्या और गलत खानपान के कारण वयस्क ही नहीं, बच्चे भी तनाव और बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। फिट रहने के लिए हेल्थ सप्लीमेंट्स से पहले उन्हें योग सिखाएं। सूर्य नमस्कार सूर्य नमस्कार से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और भूख भी लगती है। इससे मानसिक, शारीरिक और आत्मिक बल बढता है और शरीर फ्लेक्सिबल बनता है। आंखों की रोशनी तेज होती है और स्मरण शक्तिभी बढती है। कैसे करें : सबसे पहले दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में रखकर सीधे खडे हो जाएं, अब सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर कानों से सटाएं और कमर को पीछे की ओर स्ट्रेच करें। सांस बाहर छोडते हुए हाथों को सीधे रखकर आगे की ओर झुकें। हाथों को पैरों के दाएं-बाएं जमीन से स्पर्श करें। ध्यान रखें कि घुटने मुडऩे नहीं चाहिए। अब सांस भरते हुए दाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। सांस धीरे-धीरे रिलीज करते हुए उल्टे पैर को भी पीछे ले जाएं और दोनों एडिय़ों को मिलाकर शरीर को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें। सांस भरते हुए नीचे आएं और लेट जाएं। पेट जमीन से थोडा ऊपर रहेगा, अब सांस छोडें। शरीर के ऊपरी भाग को सांस भरते हुए उठाएं और गर्दन को पीछे की ओर स्टे्रच करें और थोडी देर के लिए रुकें। अब फिर वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं। पश्चिमोत्तानासन बच्चों की एकाग्रता बढाने और चंचलता को स्थिर करने के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करना अच्छा रहता है। कैसे करें : दोनों पैरों को सामने लाते हुए बैठ जाएं। दोनों एडी और पंजे मिले होने चाहिए। अब सांस छोडते हुए आगे की ओर झुक कर हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे पकड लें। अपने सिर को घुटनों तक आगे ले जाएं। दोनों कोहनियां जमीन पर लगी होनी चाहिए। अगर आपके बच्चे का हिप एरिया भारी है तो यह आसन काफी लाभदायक होगा। अगर उसे पीठ, कमर या गर्दन में दर्द की शिकायत है तो इस आसन को न करवाएं। सर्वांगासन बच्चों के शरीर में ग्रोथ हॉर्मोन बेहतर तरीके से काम करें और उनका विकास बेहतर ढंग से हो, इसके लिए सर्वांगासन का अभ्यास करवाएं। यह आसन शरीर का एक संपूर्ण व्यायाम है। यह तनाव और थकान को दूर कर मन को शांत करता है, जिससे सुकून महसूस होता है। कैसे करें : पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को एक साथ मिला लें और हाथों को शरीर की सीध में रखें। अब धीरे से पैरों को बिना मोडे ऊपर की तरफ उठाएं। जैसे-जैसे पैर ऊपर की तरफ उठाएंगे, वैसे-वैसे कमर को भी ऊपर की तरफ उठाएं। कोशिश करें कि पैर और पीठ इतने ऊपर उठ जाएं कि 90 डिग्री का कोण बन जाए। फिर धीरे-धीरे पहले की मुद्रा में आ जाएं। आप पीठ और कमर को उठाने के लिए हाथों का सहारा ले सकते हैं लेकिन कोहनियां जमीन से ही टिकी होनी चाहिए और चेहरा आसमान की ओर रहना चाहिए। विपरीतकर्णी बच्चे के लिए सर्वांगासन करना कठिन है तो इसके स्थान पर विपरीतकर्णी आसन का भी अभ्यास करा सकते हैं। इस आसन से थायरॉयड और पैराथायरॉयड ग्रंथि अच्छी तरह काम करती है, साथ ही इससे ब्लड सर्कुलेशन रिवर्स होने के कारण मस्तिष्क में रक्त-प्रवाह बेहतर तरीके से होता है। कैसे करें : पीठ के बल लेट जाएं। दोनों हाथों और दोनों पैर आपस में जोडें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। पहले 30 डिग्री, फिर 60 और 90 डिग्री तक आकर पैरों को रोक लें। अब दोनों हाथों को हिप एरिया पर रखकर पैरों को ऊपर की ओर उठाएं और दोनों कोहनियों को जमीन पर टिका रहने दें। पैरों को सीधा रखें और हथेलियों के सहारे कमर को उठाने का प्रयास करें। इसके बाद धीरे-धीरे हाथों के सहारे कमर को वापस नीचे की ओर लाएं। फिर पैरों को 90 डिग्री के कोण पर लाएं और इस स्थिति में थोडी देर रुकें। पादहस्तासन अगर आपके बच्चे को ओबेसिटी की समस्या है तो यह आसन बेहद लाभकारी है। इस आसन से नसों और नाडिय़ों की मसाज हो जाती है। कैसे करें : इसे करने के लिए दोनों एडी और पंजे मिला कर एकदम सीधे खडे हो जाएं। अब दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाएं। इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोडते हुए आगे की ओर झुकें। अपने सिर को आगे की ओर झुकाते हुए घुटनों तक ले जाएं और दोनों हाथों की हथेलियों को दोनों पैरों से साथ दाएं-बाएं जमीन से लगाएं। जब तक संभव हो, इस अवस्था में रहें। कुछ देर बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं। ताडासन बच्चे की हाइट बढाने के लिए यह आसन जरूर करवाएं। कैसे करें : दोनों पैरों को मिला कर सीधे खडे हो जाएं। दोनों हथेलियों को अपने अंडरआम्र्स में दबाएं। अब दोनों हथेलियों की अंगुलियों को आपस में मिला कर सिर के ऊपर ले जाएं। हथेलियों को सीधा रखें। सांस भरते हुए अपनी सांसों को ऊपर की ओर खीचें, जिससे कंधों और चेस्ट में खिंचाव आएगा। साथ ही पैरों की एडी को भी ऊपर उठाएं। अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाते हुए कुछ देर इसी स्थिति में रहें। सांस छोडते हुए इसे दोबारा दोहराएं। वृक्षासन इस आसन को करने से बच्चों में एकाग्रता बढऩे के साथ उनका स्ट्रेस लेवल भी कम होता है। इससे उनकी स्मरण शक्ति मजबूत होती है, साथ ही मानसिक संतुलन का विकास होता है। कैसे करें : इस आसन को करने के लिए सीधे खडे हो जाएं। अब बाएं पैर को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाते हुए दाएं पैर के घुटनों पर रखें। दोनों हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में लाते हुए अपनी छाती की तरफ लाएं। संतुलन बनाए रखने के लिए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। सिर को सीधा रखें और अपनी आंखों को सिर के मध्य में केंद्रित करें। अब इस अवस्था में एक-दो मिनट तक खडे रहें। फिर पुरानी अवस्था में आ जाएं। वज्रासन इम्युनिटी लेवल को स्ट्रॉन्ग करने के लिए सबसे पहले मेटाबॉलिज्म को बढाना जरूरी है। यह एकमात्र आसन है, जिसे भोजन के तुरंत बाद किया जा सकता है। कैसे करें : सर्वप्रथम दोनों पैरों को घुटनों से मोडकर एडिय़ों के बल बैठ जाएं। पैर के दोनों अंगूठे आपस में सटे होने चाहिए। कमर बिलकुल सीधी रहे, दोनों हाथों को सीधे घुटनों पर टिका दें। हथेलियां नीचे की ओर रहें। इस आसन को पांच मिनट से लेकर आधे घंटे तक भी किया जा सकता है। ध्यान रखें : बच्चे को कोई भी शारीरिक समस्या हो तो योग करना खतरनाक हो सकता है। बिना अभ्यास के कभी योग न करें। इसे हमेशा किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें। मिताली जैन (योग गुरु मोहन कार्की से बातचीत पर आधारित)

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