Move to Jagran APP

मेल-फीमेल फैशन सिमटती दूरियां

फैशन के प्रयोगों ने नई करवट ली है। स्त्रियों और पुरुषों की वॉर्डरोब के बीच की रेखा मिट रही है। मैस्क्युलिन परिधानों में फेमिनिन एलिमेंट्स नजर आ रहे हैं तो फेमिनिन परिधानों की रौनक मैस्क्युलिन एलिमेंट्स बन बैठे हैं। इस ट्रेंड के बारे में बता रही हैं फैशन डिजाइनर रुचिका सचदेवा।

By Edited By: Published: Sat, 02 Aug 2014 11:49 AM (IST)Updated: Sat, 02 Aug 2014 11:49 AM (IST)
मेल-फीमेल फैशन सिमटती दूरियां

वार्डरोब ए: जॉर्जट शर्ट, गोटापत्ती वर्क वाला कुर्ता और एंब्रॉयडर्ड वेस्टकोट जैसे परिधान।

loksabha election banner

वॉर्डरोब बी: ओवरसाइज्ड शर्ट, स्ट्राइप्ड ट्राउजर और स्टिफ लिनेन ब्लेजर जैसे परिधान।

अगर आपसे पूछा जाए कि कौन सी वॉर्डरोब स्त्रियों की है और कौन सी पुरुषों की तो शायद आपका जवाब होगा ए स्त्रियों की और बी पुरुषों की। लेकिन असल में ए पुरुषों की और बी स्त्रियों की वॉर्डरोब है। स्त्रियों और पुरुषों की वॉर्डरोब के बीच की दूरियां मिट रही हैं। जो चीजें पहले पुरुषों के फैशन से जुडे समझी जाती थीं, अब उनका इस्तेमाल स्त्रियों के फैशन में हो रहा है। साथ ही पुरुषों के फैशन उत्पाद बनाने वाले बेहिचक स्त्रियों के फैशन से जुडे तत्वों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आइए नजर डालते हैं इस ट्रेंड से जुडी बारीकियों पर।

बराबरी का परिचायक

समाज में स्त्री-पुरुष को बराबरी का दर्जा मिलने का असर फैशन पर भी पडा है। फैशन डिजाइनर भी अब परिधान डिजाइन करते समय यह नहीं सोचते कि यह चीज पुरुषों के फैशन उत्पादों में इस्तेमाल होती है या स्त्रियों के। बल्कि वे फैशन के जरिये व्यक्तित्व की ख्ाूबियों को उभारने पर जोर देते हैं।

परिधानों की अदला-बदली

जेंडर के आधार पर परिधानों की अदला-बदली फैशन की दुनिया का बेहद बोल्ड बदलाव है। ओवरसाइज्ड श‌र्ट्स, ट्राउजर्स और ब्लेजर्स जो अब तक पुरुषों की वॉर्डरोब का अहम हिस्सा थे, अब स्त्रियों की वॉर्डरोब में भी नजर आ रहे हैं। ये हर तरह के फिजीक वाली स्त्रियों पर अच्छे लगते हैं। फिटेड परिधानों के साथ सही कॉम्बिनेशन करने पर ये परिधान शरीर की कमियों को भी छुपा सकते हैं। इसी तरह स्त्रियों के परिधानों से प्रेरित एलिमेंट्स पुरुषों के परिधानों में खूब इस्तेमाल हो रही हैं। इंडिया फैशन वीक में लॉन्च किया गया पुरुषों का घाघरा और मिलान फैशन वीक में लॉन्च की गई पुरुषों की स्कर्ट ऐसे ही उदाहरण हैं।

कलर्स, प्रिंट्स, फैब्रिक्स

अब तक स्त्रियों के परिधानों में इस्तेमाल होने वाले नियॉन ऑरेंज, पिंक, और पैरेट ग्रीन जैसे कलर्स अब पुरुषों के परिधानों में भी जमकर प्रयोग हो रहे हैं। फैब्रिक्स की बात करें तो मेंसवेयर में इस्तेमाल होने वाले स्टिफ कॉटन और लिनेन जैसे फैब्रिक्स स्त्रियों के परिधानों में इस्तेमाल हो रहे हैं। ब्रिटिश लुक वाली फेमिनिन ड्रेसेज में नजर आने वाले पोल्का डॉट जैसे प्रिंट्स का पुरुषों के परिधानों और एक्सेसरीज में वर्चस्व बढा है।

एक्सपर्ट कहते हैं..

- विपरीत जेंडर के फैशन एलिमेंट्स को आंख मूंदकर कॉपी न करें। जो एलिमेंट्स आप पर सूट करें केवल उन्हें ही अपनाएं।

- मैस्क्युलिन और फेमिनिन फैशन एलिमेंट्स को मिक्स एंड मैच करके बेहतरीन कॉम्बिनेशन बनाए जा सकते हैं।

- एकरसता दूर करने के लिए विपरीत जेंडर के फैशन एलिमेंट्स को अपनाना एक अच्छा आइडिया है।

एक्सेसरीज

एंड्रोजिनस लुक पसंद करने वाली स्त्रियां मैस्क्युलिन एलिमेंट्स वाली एक्सेसरीज पहन रही हैं। अगर फुटवेयर्स की बात करें तो ब्रोग्स काफी चलन में हैं। पुरुषों की तर्ज पर स्त्रियों में ऑफिशियल सूट के साथ बो टाइ लगाने का चलन भी बढ रहा है। इसी तरह पुरुष ब्राइट स्टोन इयररिंग्स व नेकपीसेज पहनना पसंद कर रहे हैं।

ज्योति द्विवेदी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.