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टैटू बनवाने में बरतें सावधानी

टैटू का क्रेज़ आजकल हर किसी के सिर पर चढ़ कर बोल रहा है। ख़़्ाासकर महानगरों में इनका चलन बढ़ता ही जा रहा है। स्ट्रीट मार्केट्स हों या मॉल्स, टैटू एक्सपर्ट आपको जगह-जगह मिल जाएंगे। टैटू बनवाते समय कैसे रखना है अपना ख़्ायाल, जानते हैं सखी के साथ।

By Edited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 02:35 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 02:35 PM (IST)
टैटू बनवाने में बरतें सावधानी
टैटू का क्रेज आजकल हर किसी के सिर पर चढ कर बोल रहा है। ख्ाासकर महानगरों में इनका चलन बढता ही जा रहा है। स्ट्रीट मार्केट्स हों या मॉल्स, टैटू एक्सपर्ट आपको जगह-जगह मिल जाएंगे। टैटू बनवाते समय कैसे रखना है अपना ख्ायाल, जानते हैं सखी के साथ। हाथ, पैर, पीठ, पेट व गर्दन आदि पर उकेरी गईं तरह-तरह की डिजाइंस देखने में ख्ाूबसूरत तो बहुत लगती हैं, पर अब भी लोग उन्हें बनवाने से कतराते हैं। भले ही आज यह फैशन बन चुका है, फिर भी टैटू डिजाइनिंग को लेकर लोगों के मन में बहुत सी भ्रांतियां हैं। उन्हें यह समझ नहीं आता है कि टैटू बनवाने से पहले और बाद में किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए, जिनसे आपके स्वास्थ्य पर फर्क न पडे। सखी आपको बताएगी कि किन गलतियों से बच कर आप अपने इस शौक को पूरा कर सकते हैं। क्या है टैटू? टैटू एक कला है, जिसे लोग अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों में बनवाते हैं। नॉर्मल टैटू के साथ ही रंग-बिरंगे टैटू का चलन भी तेजी से बढ रहा है। फूल-पत्ती, जानवर, ज्यमेट्रिकल शेप्स, रोल मॉडल्स, भगवान के रूपों आदि को लोग टैटू के रूप में बनवाते हैं। इनके अलावा लोग अपने प्रियजनों के नामों को भी गुदवाते हैं। मार्केट में टेंपरेरी और परमानेंट, दोनों तरह के टैटू बनते हैं। टेंपरेरी टैटू स्किन की ऊपरी लेयर पर बनते हैं, जिसे एपिडर्मिस कहा जाता है। वहीं, परमानेंट टैटू स्किन की भीतरी दूसरी लेयर पर बनते हैं, जिसे डर्मिस कहते हैं। टैटू बनवाने की तैयारी -किसी जाने-माने टैटू एक्सपर्ट से ही बनवाएं। -टैटू आर्टिस्ट का पोर्टफोलियो या वेबसाइट जरूर देख लें। -आर्टिस्ट ग्लव्स पहने हो। -सस्ते के लिए क्वॉलिटी से समझौता न करें। -सिंगल यूजर सीरिंज से ही टैटू बनवाएं। -सीरिंज की एक्सपायरी डेट जांच लें। -टेम्परेरी टैटू हेयर डाई और फेविकोल जैसे पदार्थ से तैयार की गई इंक से बनता है। ऐसे में स्किन के पोर्स को हवा नहीं मिल पाती है, जो कि आपकी सेहत के लिए हानिकारक होता है। टेम्परेरी बनवाएं भी तो वही जो हफ्ते भर से ज्य़ादा न चले, वर्ना परमानेंट ही बनवाएं। -ख्ााली पेट टैटू बनवाने न जाएं। एल्कोहॉल तो बिलकुल भी न लें। -सुविधाजनक कपडे पहन कर जाएं। बाद में भी रखें ख्ायाल प्रोफेशनल टैटू आर्टिस्ट से टैटू डिजाइन करवाने का फायदा यह होता है कि वह आपकी स्किन टाइप को ध्यान में रखते हुए ही टैटू प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने का सुझाव देगा। मार्केट में टैटू के प्रोडक्ट्स, जैसे कि साबुन, क्रीम, लोशन, एंटी एलर्जिक दवाइयां, आदि आसानी से मिल जाते हैं। अगर टैटू आपकी स्किन टाइप के अनुसार बनाया गया है, तो एलर्जी के चांसेज बहुत कम होते हैं। टैटू आपकी त्वचा पर एक स्क्रैच की तरह होता है। जैसे स्क्रैच पर खाल बनने में लगभग हफ्ते-दस दिन का वक्त लगता है, वही इसमें भी होता है। खाल बनने तक इसका बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है। धूल-मिट्टी, पानी और साबुन से टैटू वाली जगह का बचाव करना चाहिए। टैटू कवर से उसे ढके रहने से इन्फेक्शन नहीं होता है। एलर्जी महसूस होने पर तुरंत स्किन स्पेशलिस्ट से चेकअप करवा लें। सावधानी बरतने से उसके साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। सखी फीचर्स (एंजल टैटू डिजाइन स्टूडियो, गुडग़ांव के टैटू एक्सपर्ट, सैटी से बातचीत पर आधारित)

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