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फैशन फोरकास्टिंग में संवारे करियर

लोगों की पसंद, समसामयिक बदलावों और मौसम को ध्यान में रखते हुए आगामी ट्रेंड्स की भविष्यवाणी करना फैशन फोरकास्टिंग कहलाता है। फैशन इंडस्ट्री के विस्तार से इस क्षेत्र में काफी बूम आया है और करियर के नए अवसर खुले हैं। इस क्षेत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दे रही हैं फैशन डिाइनर अनुपमा दयाल।

By Edited By: Published: Tue, 01 Apr 2014 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 01 Apr 2014 06:03 PM (IST)
फैशन फोरकास्टिंग में संवारे करियर

फैशन व‌र्ल्ड की हलचल अब महज अभिजात्य वर्ग तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि अब यह हमारे समाज के हर स्तर को प्रभावित कर रही है। हर कोई इन बदलावों के हिसाब से खुद को अपडेट रखना चाहता है। इसकी वजह यह है कि आज हर फील्ड में लुक्स और पर्सनैलिटी को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे में फैशन फोरकास्टिंग एक प्रमुख करियर ऑप्शन बन कर उभरा है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

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जागरूकता है अहम

फैशन के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय बदलावों तक की जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि ये सभी फैशन और लाइफस्टाइल को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लिपस्टिक की सेल में अचानक बढोत्तरी हो गई थी। इसकी वजह यह थी युद्ध से आए अवसाद को स्त्रियां मेकअप की मदद से दूर करना चाह रही थीं। चटख्ा रंगों की लिपस्टिक प्रमुख स्ट्रेस बस्टर बन कर उभरी थी। राजनीति से लेकर अर्थव्यवस्था तक के बदलाव फैशन को प्रभावित कर सकते हैं।

तकनीकी ज्ञान भी जरूरी

फैशन फोरकास्टिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए महज रचनात्मक होना ही काफी नहीं है। बल्कि इस क्षेत्र की तकनीकी से वाकिफ होना भी बेहद जरूरी है। उदाहरण के तौर पर परिधानों की डिजाइनिंग के लिए फैब्रिक वीविंग टेक्नीक्स, फैब्रिक मिक्सिंग टेक्नीक्स, डाइंग टेक्नीक्स, स्टिचिंग टेक्नीक्स आदि का ज्ञान होना चाहिए। इसी तरह फुटवेयर डिजाइनिंग, एक्सेसरी डिजाइनिंग और ज्यूलरी डिजाइनिंग आदि के लिए भी विभिन्न तकनीकों की जानकारी महत्वपूर्ण है।

स्टैंड-एलोन करियर

फैशन फोरकास्टिंग अब फैशन क्षेत्र के दूसरे कारकों पर आश्रित नहीं रहा। यह अब स्टैंड एलोन करियर बन चुका है। डच ट्रेंड फोरकास्टर ली एडेलकूर्ट जैसे विशेषज्ञों ने फैशन फोरकास्टिंग को एक महत्वपूर्ण करियर फील्ड के रूप में स्थापित किया है। कई भारतीय फैशन फोरकास्टर भी इंटरनेशनल फैशन इंडस्ट्री में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। नेशनल-इंटरनेशनल बायर्स और ब्रैंड्स फैशन फोरकास्ट पर विशेष रूप से नजर रखते हैं। इस क्षेत्र में कमाई की भी असीम संभावनाएं हैं।

शैक्षिक योग्यता

फैशन फोरकास्टिंग के ज्यादातर स्नातक कोर्स में प्रवेश लेने के लिए किसी भी विषय में 12वीं पास होना जरूरी है। वहीं पीजी कोर्स के लिए किसी भी विषय में स्नातक होना जरूरी है।

प्रमुख संस्थान

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, बंगलुरु

जेडी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन, अहमदाबाद

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन, चंडीगढ फोरकास्टिंग: एक नजर

जहां फैशन फोरकास्टिंग में रेडी-टु-वेयर, स्ट्रीट वेयर, हॉट कुटूर और मास मार्केट जैसे फैशन इंडस्ट्री के विभिन्न पहलुओं से जुडे आगामी ट्रेंड्स की घोषण करनी होती है। वहीं ट्रेंड फोरकास्टिंग के तहत ऑटोमोबाइल, फूड एंड बेवरेज, लिटरेचर और होम फर्निशिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों के डिजाइन ट्रेंड्स की घोषणा करनी होती है।


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