नैचरल निखार पाएं ऐसे
खूबसूरती के साथ सेहत का भी खयाल रखना हो तो अरोमा थेरेपी बेहतरीन उपाय है। इससे न केवल शरीर, बल्कि दिमाग को भी तनाव से दूर रखा जा सकता है। किस तरह अपनाएं इसे, जानें सखी से।
अपनी त्वचा को हमेशा युवा बनाए रखना हो तो नैचरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे त्वचा को नुकसान नहीं होता और निखार भी बना रहता है। डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सिमल सोइन के मुताबिक, अरोमा थेरेपी में प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डालकर शरीर को रिलैक्स किया जाता है, ताकि स्वस्थ और ग्लोइंग त्वचा मिल सके। क्रीम से की जाने वाली मसाज का असर चेहरे या शरीर पर कुछ ही दिनों तक नजर आता है जबकि एसेंशियल ऑयल से यह निखार लंबे समय तक बना रहता है। इसमें नैचरल प्लांट्स के एक्स्ट्रैक्ट और ऑयल्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये एसेंशियल ऑयल्स मनमोहक और खुशबूदार फील देने के साथ ही शरीर के स्नायु तंत्र को को भी ऐक्टिव कर देते हैं। अलग-अलग स्किन टाइप के लिए अलग तरह के ऑयल्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
ऑयली स्किन के लिए टी ट्री ऑयल त्वचा को पोषण देने का काम करता है। खासतौर पर यह ऑयली त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। मुहांसों की समस्या के अलावा दाग-धब्बों और डार्क स्पॉट्स पर भी इसका जादुई असर होता है। ऐसे करें इस्तेमाल : रोजाना लोशन के साथ एक बूंद टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल करें। इसे सीधे दाग वाली जगह पर लगा सकते हैं। लेमन एसेंशियल ऑयल भी ऑयली स्किन और एक्ने जैसी परेशानी से छुटकारा दिलाने में कारगर है। यह ताजगी के साथ त्वचा को क्लीन करने में भी मदद करता है।
ड्राई स्किन रोज या जिरेनियम एसेंशियल ऑयल ड्राई स्किन पर काफी असरदार होता है। ये दोनों ऑयल्स त्वचा को नमी देकर उसे चमकदारबनाते हैं। ऐसे करें इस्तेमाल : दोनों ऑयल्स की दो-दो बूंदे लें और नियमित रूप से मॉयस्चराइजर की तरह इस्तेमाल करें या सप्ताह में दो-तीन बार हलके हाथों से चेहरे पर मसाज करें। इससे आपको मिलेगी एक हेल्दी और चमकदार त्वचा। आप चाहें तो टी ट्री ऑयल को बादाम तेल के साथ मिला कर भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।
एजिंग स्किन पचुरी एसेंशियल ऑयल में हीलिंग और एंटीसेप्टिक तत्व पाए जाते हैं और यह हर स्किन टाइप को सूट करता है। यह उम्र बढऩे के साथ होने वाली स्किन की परेशानियों को दूर करता है। ऐसे करें इस्तेमाल : पचुरी या मर्ह को 30 मिलीलीटर ऑलिव या बादाम के तेल में मिला लें और मसाज ऑयल की तरह इसका इस्तेमाल करें।
थेरेपी के लाभ अरोमा थेरेपी से न सिर्फ चेहरे की चमक बढती है, बल्कि कई बीमारियों से भी निजात मिलती है। इस थेरेपी में तुलसी, रोज, जैसमीन समेत कई नैचरल प्लांट्स के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। पौधों के तेल को बेस ऑयल के साथ मिलाकर शरीर की मसाज की जाती है, जिससे थके हुए शरीर और दिमाग दोनों को सुकून मिलता है
क्या है प्रक्रिया स्टीम : यह थेरेपी स्टीम देने के साथ शुरू होती है, जिससे पोर्स गहराई से साफ हो जाते हैं। इस दौरान पानी में जो तेल डाले जाते हैं, वे त्वचा के रोम छिद्रों में अपना काम करना शुरू कर देते हैं। एक्सफोलिएशन : फेशियल के दौरान त्वचा को एक्सफोलिएट किया जाता है, इससे शरीर से डेड स्किन हटती है और स्मूथ हो जाती है। रिलैक्सेशन : इस पूरी प्रक्रिया से शरीर को आराम मिलता है और ऊर्जा व ताजगी का एहसास होता है।
एक्सपर्ट सलाह इसमें इस्तेमाल होने वाले प्राकृतिक तेल शरीर में एंटी बैक्टीरिया को क्रियान्वित करते हैं और इसकी वजह से त्वचा खिली-खिली नजर आती है। इससे त्वचा पर बने दाग व झुर्रियां भी कम हो जाती हैं। इस थेरेपी के बाद त्वचा में कोमलता आ जाती है। त्वचा की देखरेख के लिए थेरेपी में मॉयस्चराइजिंग लोशन, क्लींजिंग क्रीम व दूध आदि का इस्तेमाल कर सकती हैं। दरअसल इसमें इस्तेमाल होने वाले तेल हमारे शरीर में एंटी बैक्टीरियल क्षमता बढा देते हैं, जिसकी वजह से त्वचा से संबंधित परेशानियां जल्दी खत्म हो जाती हैं।